जसनाथी सम्प्रदाय

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जसनाथी सम्प्रदाय एक जाट जाति[1] का सिद्ध सम्प्रदाय है जो मुख्यतः राजस्थान (भारत) के जोधपुर, बीकानेर मंडलों में मौजूद है। इसके संस्थापक जसनाथ (1539-1563) माने जाते हैं। इस सम्प्रदाय के पाँच ठिकाने, बारह धाम, चौरासी बाड़ी और एक सौ आठ स्थापना हैं। एक बाड़ी मुख्य है जो की सरवण भुकर की बाड़ी धिरदेसर भकरान पुरो, में है। इस सम्प्रदाय में छत्तीस नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है। कतरियासर इनका मुख्य स्थल है। यहाँ जसनाथी संप्रदाय के लोगों द्वारा अग्नि नृत्य किया जाता है। जसनाथ जी के बचपन का नाम जसवंत सिंह था| इन्होंने गोरख आश्रम में गोरख नाथ से शिक्षा ग्रहण की, जहां आश्विन शुक्ल सप्तमी विक्रम संवत 1551 को ज्ञान प्राप्त हुआ|

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihasa (The modern history of Jats), Agra 1998, Section 9 pp. 46-47