प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास अध्येतावृत्ति योजनागृह मंत्रालय ने देश के 60 जिलों की पहचान वामपंथीचरमपंथ (LWE) से प्रभावित जिलों के रूप में की है। भारत सरकार ने इन जिलों [1]में एक विशेष कार्यक्रम चलाया है जिसे समेकित कार्य योजना (IAP) का नाम दिया गया है। सभी समेकित कार्य योजना जिलों में जिला अधीक्षक की मदद करने के लिए युवा पेशेवरों की तैनाती हेतु 13 सितम्बर, 2011 को तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीणविकास मंत्री जयराम [2]रमेश ने प्रधानमंत्री के ग्रामीण विकास फेलोज़ नामक योजना की घोषणा की थी।मिशन मूल रूप से प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास अध्येतावृत्ति प्राप्त लोग विकास को सुगम बनाने वाली एक योजना के रूप में कार्य करेंगे, वे समेकित कार्य योजना के जिलों के कलेक्टरों तथा उनके सहकर्मियों को मदद देंगे और उन्हें परिस्थितियों का आवश्यक विश्लेषण प्रदान करेंगे कि उनसे कैसे निपटा जाए' फेलोज़ सक्रिय रूप से एक जिला कार्यक्रम का संचालन करेंगे, जिसमें निम्नांकित तीन महत्वपूर्ण रणनीतियां शामिल होंगी 'सभी नियोजित गतिविधियों तथा उचित बजट प्रक्रिया के संचालन द्वारा प्रोग्रामिंग हेतु जिला संसाधन बेस को मजबूत करना। अति वंचित समुदायों तक सेवाओं की पहुंच स्थापित करने के लिए वैकल्पिक तरीकों को खोजकर इस प्रणाली को सुस्थापित तथा सुदृढ़ बनाना। ऐसी प्रक्रियाओं को चालू करना जो इस विधि (अर्थात ग्राम नियोजन ) में शामिल किए गए परिवर्तनों को बढ़ावा देती हो।यह पूर्ण रूप से सहायक कार्यों के एक समूह द्वारा पूरा किया जाएगा, जैसे जिला तथा ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की क्षमता का निर्माण करना, जिले में सामाजिकलामबंदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना, खासकर युवाओं के बीच; जमीनी समर्थन हासिल करना तथा पंचायतों के साथ मजबूत संबंध बनाना'