गोपेंद्रराज
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गोपेंद्रराज | |
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चाहमान राजा | |
शासनावधि | सी॰ 771-784 सीई |
पूर्ववर्ती | चंद्रराज प्रथम |
उत्तरवर्ती | दुर्लभराज प्रथम |
राजवंश | चाहमान वंश |
गोपेंद्रराज (शासन 771-784 सीई) एक भारतीय राजा थे जो चाहमान राजवंश से संबंधित थे, जो उत्तर-पश्चिमी भारत में वर्तमान राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शासन करते थे। उन्हें गोपेन्द्रका के नाम से भी जाने जाते थे।[1]
गोपेंद्र ने अपने भाई चंद्रराज प्रथम के बाद राजा बने थे। पृथ्वीराज विजया के अनुसार, उनके पिता विग्रहराज प्रथम थे।[2] बाद में हम्मीर महाकव्य में कहा गया है कि उनके पिता विग्रहराज के पूर्वज नरदेव थे।[3]
प्रबन्ध-कोष में कहा गया है कि गोपेंद्रराज ने एक युद्ध में एक सुल्तान बेग वरीसा को हराया था।[4] इतिहासकार आरबी सिंह का कहना है कि बेग वरीसा अरब जनरल मुहम्मद बिन कासिम का अधीनस्थ रहा हो सकता है।[5]
गोपेंद्रराज के उत्तराधिकार उनके भतीजे दुर्लभराज प्रथम ने गद्दी संभाली थी, जो चंद्रराज प्रथम के बेटे थे।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Dasharatha Sharma 1959, पृ॰ 28.
- ↑ अ आ R. B. Singh 1964, पृ॰ 55.
- ↑ Anita Sudan 1989, पृ॰ 23.
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰ 88.
- ↑ R. B. Singh 1964, पृ॰ 89.
ग्रंथसूची
[संपादित करें]- Anita Sudan (1989). A study of the Cahamana inscriptions of Rajasthan. Research.
- Dasharatha Sharma (1959). Early Chauhān Dynasties. S. Chand / Motilal Banarsidass. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780842606189.
- R. B. Singh (1964). History of the Chāhamānas. N. Kishore. OCLC 11038728.
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