खैर (वृक्ष)
खैर | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पी पादप (Angiosperms) |
अश्रेणीत: | युडिकॉट (Eudicots) |
अश्रेणीत: | रोज़िड (Rosids) |
गण: | फ़बालेस (Fabales) |
कुल: | फ़बासिए (Fabaceae)[1] |
वंश: | सेनेगालिया (Senegalia) |
जाति: | S. catechu |
द्विपद नाम | |
Senegalia catechu हन्टर और मैब० | |
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खैर का भौगोलिक विस्तार |
एक प्रकार का बबूल। कथकीकर। सोनकीकर। यह चीन, भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्री लंका, भूटान, म्यांमार में पाया जाता है।
विशेष—इसका पेड़ बहुत बड़ा होता है और प्राय; समस्त भारत में से पाया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के खैर शहर मे ये अधिक मात्रा मे पाया जाता है। इसके हीर की लकड़ी भूरे रंग की होती हैं, घुनती नहीं और घर तथा खेती के औजार बनाने के काम में आती है। बबूल की तरह इसमें भी एक प्रकार का गोंद निकलता है और बड़े काम का होता है।
इस वृक्ष की लकड़ी के टुकड़ों को उबालकर निकाला और जमाया हुआ रस जो पान में चूने के साथ लगाकर खाया जाता है, खैर या कत्था कहलाता है।
अन्य भाषाओ मे नाम[संपादित करें]
commonly known as: black catechu, black cutch, cashoo, catechu, cutch tree, wadalee gum • Assamese: খৈৰ kher • Bengali: খয়ের khayer • Gujarati: ખેર kher • Hindi: दन्त धावन dant-dhavan, गायत्रिन् gayatrin, खैर khair, खयर khayar, मदन madan, पथिद्रुम pathi-drum, पयोर payor, प्रियसख priya-sakh • Kannada: ಕಾಚು kaachu, ಕದಿರ kadira, ಕಾದು kadu, ಕಗ್ಗಲಿ kaggali • Konkani: खैर khair • Malayalam: കരിണ്ടാലി karintaali • Marathi: खैर khair, खयर khayar, यज्ञवृक्ष yajnavrksa • Nepalese: खयर् khayar • Pali: खदिरो khadiro • Prakrit: खइरं or खाइरं khaiiram • Sanskrit: गायत्रिन् gayatrin, खदिरः or खादिरः khadira, पथिद्रुम pathi-drum, पयोर payor, प्रियसख priya-sakh • Tamil: செங்கருங்காலி cenkarungali, காசுக்கட்டி kacu-k-katti, கறை karai • Telugu: ఖదిరము khadiramu. కవిరిచండ్ర kaviricandra, నల్లచండ్ర nallacandra • Urdu: کهير khair
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- ↑ Prajapti, Purohit, Sharma, Kumar , A Handbook of medicinal plants, Agro Bios (India), Edition Ist 2003, Page.473