खानदान (1979 फ़िल्म)
खानदान | |
---|---|
खानदान का पोस्टर | |
निर्देशक | अनिल गाँगुली |
निर्माता | सिब्ते हसन रिज़वी |
अभिनेता |
जितेन्द्र, सुलक्षणा पंडित, बिन्दिया गोस्वामी, सुजीत कुमार, दीना पाठक, राकेश रोशन, निरूपा रॉय, बिन्दू, बीरबल, मोहन चोटी, ए के हंगल, दिनेश हिंगू, धूमल, राजन हक्सर, जानकी दास, पिंचू कपूर, राज किशोर |
संगीतकार |
खय्याम नख्श लयालपुरी (गीत) |
प्रदर्शन तिथि |
18 जुलाई 1979 |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
खानदान (अंग्रेज़ी: blood) 1979 में अनिल गाँगुली द्वारा निर्देशित, सिब्ते हसन रिज़वी द्वारा निर्मित हिन्दी फिल्म है। इस पारिवारिक कथा आधारित फ़िल्म के प्रमुख कलाकार जितेन्द्र, सुलक्षणा पंडित [1]व बिन्दिया गोस्वामी, संगीतकार खय्याम और गीतकार नख्श लयालपुरी है।
संक्षेप
[संपादित करें]गौरीशंकर (सुंदर पुरोहित) अपनी पत्नी (निरूपा रॉय), दो पुत्र विकास (सुजीत कुमार) व रवि (जितेन्द्र) के साथ रहता है। विकास धनी लकड़ी नन्दा (बिन्दू) से विवाह करता है और रवि कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है। रवि ऊषा (सुलक्षणा पंडित) के प्रति आकर्षित हुए उसे विवाह करना चाहता है। इधर गौरीशंकर की सेवानिवृत्ति होने को है और विकास अभी बेरोजगार है। कुछ दिन बाद विकास को नौकरी का प्रस्ताव आता है जिसलिए उसे ₹ 5000 जमा कराना है। नन्दा अपने चाचा से रूपये उधार लिए नरेश को देती है, जिससे उसे नौकरी मिलती है। उधर रवि को अपने मालिक के ₹ 5000 चुराने का इल्ज़ाम में पुलिस गिरफ्तार करती है। अदालत उसे तीन महीने क़ैद की सज़ा देती है, जिसे सुन गौरीशंकर की मृत्यु होती है। सज़ा के बाद घर आये रवि सुनता है के ऊषा का विवाह दीनानाथ का पुत्र राकेश (राकेश रोशन) से निश्चय किया गया है। रवि बम्बई जाकर नौकरी पाए अपनी माँ को पैसे भेजता रहता है। रवि व ऊषा की अगली भेट के बाद होने वाले घटनाओं को आगे की कथा में दर्शाया गया है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- जितेन्द्र - रवि गौरीशंकर श्रीवास्तव
- सुलक्षणा पंडित - ऊषा
- बिन्दिया गोस्वामी - सन्ध्या
- सुजीत कुमार - विकास गौरीशंकर श्रीवास्तव
- बिन्दू - नन्दा विकास श्रीवास्तव
- निरूपा रॉय - सावित्री गौरीशंकर श्रीवास्तव
- सुंदर पुरोहित - गौरीशंकर श्रीवास्तव
- ए के हंगल - मास्टरजी, ऊषा का पिता
- दीना पाठक - ऊषा की माँ
- राज किशोर - सन्ध्या का भाई
- पिंचू कपूर - सन्ध्या का पिता
- राकेश रोशन - राकेश दीनानाथ
- जानकीदास - केदारनाथ
- राजन हक्सर - ठेकेदार जगन्नाथ
- बीरबल - मुंशी श्यामलाल, डाकिया
- दिनेश हिंगू - रवि का मित्र
- मोहन चोटी - ऊषा का मंगेतर
- धूमल - मंगेतर का चाचा
दल
[संपादित करें]- निर्देशक – अनिल गांगुली
- निर्माता – सिब्ते हसन रिज़वी
- संगीतकार – खय्याम
- गीतकार – नख्श लयालपुरी
- पार्श्वगायक – किशोर कुमार, लता मंगेशकर, नितिन मुकेश, सुलक्षणा पंडित
संगीत
[संपादित करें]गीत | गायक | समय |
---|---|---|
"बस्ती के लोगोंमें हुए बदनाम" | किशोर कुमार | 3:45 |
"माना तेरी नज़र में" | सुलक्षणा पंडित | 4:50 |
"मतलब के हैं रिश्ते नाते" | नितिन मुकेश | 6:30 |
"मैं न बताउंगी" | सुलक्षणा पंडित | 3:25 |
"यारो आओ ख़ुशी मनाओ" | किशोर कुमार व समूह | 5:20 |
"ये मुलाक़ात एक बहाना है" | लता मंगेशकर | 4:45 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ filmfare.com. "The life and times of the singer and star of the '70s – Sulakshana Pandit" (अंग्रेज़ी में). मूल से 27 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जून 2018.