खट्वांग
Khatvanga | |
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देवनागरी | खट्वाङ्ग |
संस्कृत लिप्यंतरण | Khaṭvāṅga |
खट्वांग (1) शिव के अवतार भैरव के हाथ का एक आयुध। इसमें दंड के ऊपर पशु के खुर के बीच मानव कपाल लगा होता है। योगी और संन्यासी भी इस आयुध का उपयोग करते हैं। लोकजीवन में इसे जादू की लकड़ी कहा जाता है।
(2) सूर्यवंशी राजा विश्वसह का पुत्र। इसने देवदानव युद्ध के समय स्वर्ग जाकर देवताओं की बड़ी सहायता की थी। वायु पुराण में इस राजा की बड़ी महिमा गाई गई है।[1] राजा खट्वाङ्ग ने अपने जीवन के अंतिम दो घड़ी में ही मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास किया और उसे भगवान की प्राप्ति हुई।([2])
१.वायुपुराण
२.भागवत पुराण ग्यारहवां स्कंध, अध्याय २३