काला बाजार
काला बाजार या भूमिगत बाजार या भूमिगत अर्थव्यवस्था वह बाजार है जहाँ सारा वाणिज्य, कराधान (taxation), नियम और व्यापार सम्न्बन्धी नियंत्रण आदि की चिंता किये बिना किया जाता है।
इसे छाया अर्थतंत्र, काली अर्थव्यवस्था और समानान्तर अर्थव्यवस्था भी कहते हैं।
आधुनिक समाजों में भूमिगत बाजार के अन्तर्गत बहुत से क्रियाकलाप आते हैं। काला बाजार उन देशों में कम है जहाँ की अर्थव्यवस्था खुली है। किन्तु जिन देशों में भ्रष्टाचार, नियंत्रण और कड़े नियम हैं वहाँ अधिक मात्रा में कालानाजारी होती है।
बाजार अर्थव्यवस्था[संपादित करें]
कुछ लोगों का तर्क है कि काला बाजार ही सर्वाधिक मुक्त बाजार है। दूसरे अन्य किसी भी प्रकार से नियंत्रित बाजार विविध प्रकार के अनुचित हस्तक्षेपों से परेशान रहते हैं।
बाज़ार अर्थव्यवस्था का दो विशेष क्षेत्र होता है , जहाँ मूल रूप से मांग व पूर्ति के कारक काम करते है और क्रय – विक्रय की गतिविधियाँ निष्पादित होती है .
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- भारतीय अर्थव्यवस्था पर “काले धन” का प्रभाव (मीना कौंडल , 14 जनवरी, 2017)
- काला धन, भारत सिरमौर
- कालाधन स्वदेश लाने का वादा निभाएं प्रधानमंत्री
- स्वतंत्र भारत में काला धन
- काला धन किसका, नाम बताओ सरकार
- छाया अर्थतंत्र और कर अपवंचन पर प्रकाशन और अनुसंधान।
- यूरोप में वित्तीय आपराधिक गतिविधियाँ और काले धन को वैध बनाने की गतिविधियों के नियंत्रण और दमन पर मार्च २००० का फ़्रांसीसी संसदीय प्रतिवेदन (फ़्रांसीसी सांसद विंसेंट पीलियन और आर्नौद मोंटेबौर्ग द्वारा निर्मित)
- The Underground Economy from National Center for Policy Analysis (1998)
- Going Underground: America's Shadow Economy by Jim McTague (2005)
- The Underground Economy: Global Evidence of Its Size and Impact (1997)
- The Effects of a Black Market Using Supply and Demand
- Information on Black Market products
- Cold War Black Market Secrets