एकोनाइट
अतीस एकोनाइटम | |
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Aconitum variegatum | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | Plantae |
विभाग: | Magnoliophyta |
वर्ग: | Magnoliopsida |
गण: | Ranunculales |
कुल: | Ranunculaceae |
वंश: | Aconitum L., 1753 |
Species | |
अकोनाइट या अतीस एक प्रसिद्ध वनौषधि है, जो सामान्यतः विषैले स्वभाव की होती है, किंतु नियमित मात्रा में सेवन करने से इसके औषधीय गुण प्रकट होतें हैं। यूनाइटेड किंगडम में आकोनीटुम नापेल्लुस मान्य औषधि है। यह जाति तो भारत में नहीं होती, किंतु इसके वंश की अन्य जातियां पाई जाती हैं जो उतनी ही उपयोगी हैं। इनमें से दो का वर्णन नीचे किया गया है।
प्रकार
[संपादित करें]अतीस, अतिविष
[संपादित करें]पहले प्रकार का वैज्ञानिक नाम है आकोनीटुम हेटेरोफील्लुम Aconitum heterophyllum Wall., कश्मीरी-अतीस, अतिविष, पोदिस यह एक छोटा सा पौधा है जो उत्तर पश्चिम हिमालय में 2,000 से 4,000 मी॰ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। अतीस के बीज ज्वर एवं ज्वर के बाद दुर्बलता दूर करने के लिए उपयोगी बताये जाते हैं। अतीस में बलवर्धक गुण तो अवश्य हैं, किंतु ज्वरनाशक के रूप में इसकी मान्यता अधिक नहीं है। यह अतिसार व पेचिश में भी उपयोगी है।
बनबलनाग
[संपादित करें]इसका वैज्ञानिक नाम है आकोनीटुम कासमांथुम Aconitum chasmanthum Stapf
यह पौधा भी उसी क्षेत्र में पाया जाता है जहाँ अतीस होता है। यद्यपि इस पौधे के प्रकंदों में ब्रिटेन वाले अकोनाइट से उपयोगी तत्वों की मात्रा लगभग दस गुना अधिक होती है, फिर भी उनकी क्षमता उतनी नहीं होती। ब्रिटेन वाली जाति के स्थान पर बनबलनाग प्रयोग करने के लिए उपयुक्त बताया जाता है।