उत्सव (1984 फ़िल्म)
दिखावट
| उत्सव | |
|---|---|
| निर्देशक | गिरीश कर्नाड |
| अभिनेता |
शशि कपूर, रेखा, अनुराधा पटेल, अनुपम खेर, अमज़द ख़ान, कुलभूषण खरबंदा, नीना गुप्ता, अन्नू कपूर, हरीश पटेल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
23 अगस्त, 1984 |
| देश | भारत |
| भाषा | हिन्दी |
उत्सव सन् १९८४ में प्रमोचित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसके निर्माता शशि कपूर और निर्देशक गिरीश कर्नाड थे। यह फ़िल्म शूद्रक के रूपक मृच्छकटिकम् (मिट्टी का खिलौना) पर आधारित है। इस फ़िल्म का फ़िल्मांकन हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में साथ-साथ किया गया, बाद का कार्य लंदन में किया गया।
कथानक
[संपादित करें]मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- शशि कपूर – संस्थानक
- रेखा – वसंतसेना
- अमज़द ख़ान – वातस्यायन, सूत्रधार
- शंकर नाग – सज्जल, चोर
- शेखर सुमन – चारुदत्त
- अनुराधा पटेल – अदिति, चारुदत्त की पत्नी
- अनुपम खेर – संस्थानक का मित्र
- कुलभूषण खरबंदा – अज्ञात क्रांतिकारी
- नीना गुप्ता – मदनिका
- संजना कपूर – गणिका
- कुणाल कपूर – आर्यक, क्रांतिकारी
- अन्नू कपूर – दूत
- हरीश पटेल – मैत्रेय
- सतीश कौशिक – बैलगाडी चालक
दल
[संपादित करें]संगीत
[संपादित करें]| क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
|---|---|---|---|
| 1. | "मेरे मन बाजे मृदंग मंजीरा" | आरती मुखर्जी, अनुराधा पौडवाल, सुरेश वाडकर | |
| 2. | "मन क्यों बहका रे बहका" | लता मंगेशकर, आशा भोंसले | |
| 3. | "सांझ ढले गगन तले" | सुरेश वाडकर | |
| 4. | "नीलम पे नभ छाए" | लता मंगेशकर, आशा भोंसले |