अब्दुल ख़ालिक टाक जैनगेरी

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अब्दुल ख़ालिक टाक जैनगेरी
पेशासाहित्यकार
भाषाकश्मीरी भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयभाषाशास्त्रीय अध्ययन
उल्लेखनीय कामsका श्रीज़ाब : नी हुन्द अलेकवाद फेरा

अब्दुल ख़ालिक टाक जैनगेरी कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक भाषाशास्त्रीय अध्ययन का श्रीज़ाब : नी हुन्द अलेकवाद फेरा के लिये उन्हें सन् 1969 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.