अबू अफक

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अबू अफ़क: (अरबी : أبو عفك, मृत्यु: लगभग 624) एक यहूदी कवि थे जो हिजाज़ क्षेत्र (आज सऊदी अरब ) में रहते थे। इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद के ख़िलाफ़ मुखर रहे। एक दो पुरानी सीरत की पुस्तकों के अनुसार एक बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में वह मुहम्मद का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शत्रु बन गया था। उस ने मुहम्मद और उनके अनुयायियों के खिलाफ एक राजनीतिक रूप से आरोपित कविता लिखी थी जिसमें मुहम्मद के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काता थाऔर उनके बारे में (व्यंग्यात्मक) कविताएँ लिखता था जिस से दुखी होकर तब मुहम्मद ने अबू अफक की मौत का आह्वान किया और सलीम इब्न उमैर ने कथित तौर पर जैसे उसे मौक़ा मिला मार डाला। मुसलमानों ने इसे एक मनगढ़ंत बात माना।[1]

विवरण[संपादित करें]

इब्न इशाक ने अपने काम 'लाइफ ऑफ मुहम्मद' में (कथित तौर पर इसे पहली बार लिखे जाने के लगभग 50 साल बाद इसे खो दिया और याददाश्त स्मृति से फिर से लिखा। इब्न साद ने मौखिक कथनों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि पैगंबर अपनी आलोचना से परेशान थे और अपने साथियों को उससे छुटकारा पाने का आदेश दिया।ऐसा कहा जाता है कि पैगंबर ने कथित तौर पर निम्नलिखित अभिव्यक्ति का उपयोग किया था: "उस दुष्ट से कौन छुटकारा पायेगा।" दो प्रारंभिक इतिहासकारों ने स्रोतों की पहचान नहीं की।[2]

पुस्तकों में विवरण[संपादित करें]

तारिख अल-खामिस - हुसैन इब्न मुहम्मद दियारबकरी (मृत्यु 1559 ई.) यहूद (अबू अफाक) अल्लाह के दूत के खिलाफ (युद्ध) भड़काता था। ” (तारिख अल-खामिस, हुसैन इब्न मुहम्मद दियारबकरी द्वारा, खंड 1, पृष्ठ 408)


“उसने ( अबू अफाक) लोगों को अल्लाह के दूत के खिलाफ भड़काया ।” (अल-सिराह अल-हलाबिया, अली बुरहान अल-दीन अल-हलाबी द्वारा, खंड 3, पृष्ठ 147)


अबू अफाक द्वारा पैगंबर के खिलाफ युद्ध में लोगों को उकसाने का उल्लेख शास्त्रीय विद्वान इब्न कथिर (1301 - 1373 सीई) ने भी अपने बिदाया वा निहाया में लिखा है:  

पिछले कुछ वर्षों में एक और वर्ष का अंतिम वर्ष अबू अफाक... ने  अल्लाह के दूत के खिलाफ (युद्ध) भड़काया ।" (बिदया वा निहाया, इब्न कथिर द्वारा, खंड 5, पृष्ठ 202। अरबी संस्करण)


"वह (अबू अफ़ाक)  अल्लाह के दूत को मारने के लिए लोगों को भड़काने और उकसाने का काम कर रहा था ।" (इमाम मुहम्मद अज़-ज़रक़ानी द्वारा शरह अल-ज़ुर्कानी`लाल मवाहिब-अल लादुनियाह लिल कस्तल्लानी, खंड 2, पृष्ठ 347)[3]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "'Asma bint Marwan: Did the Prophet Order Her Killing? - Islam Question & Answer". islamqa.info (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-01-29.
  2. Abdullah, Aslam (2020-11-09). "More Lies about the Prophet's role in getting his opponents killed". Aslamabdullah (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-01-29.
  3. "Is Abu Afak's Killing True Or False? - Islam Compass" (अंग्रेज़ी में). 2021-09-16. अभिगमन तिथि 2024-01-29.