नसवार

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नसवार का ढेर

नसवार (पश्तो: نسوار; हिन्दी: नसवार, सिरिलिक लिपि: насвар), जिसे नस (ناس; нас) या नसवय (نسوای; насвай) भी कहा जाता है, एक नम, तंबाकू की पाउडर सुंघनी होती है, जिसे ज्यादातर अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, ईरान, कज़ाख़िस्तान, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान में भस्म के रूप में सुंघा जाता है। नसवार को लंबे समय तक, निचले होंठ के अन्दर या गाल के अंदर मुंह के तल में रखा जाता है। यह डीपिंग तम्बाकू और स्नस के समान होती है।

नसवार

इतिहास[संपादित करें]

1493-1496 के दौरान अमेरिका में कोलंबस की दूसरी यात्रा के बाद रेमन पेन नामक एक स्पेनिश भिक्षु द्वारा नसवार को पश्चिमी यूरोप में लाया गया था।[1] 1561 में, पुर्तगाल के लिस्बन में फ्रांसीसी राजदूत जीन निकोट ने कैथरीन डी 'मेडिसी को अपने बेटे के लगातार माइग्रेन का इलाज करने के लिए नसवार भेजा था।[2]


विशेषताएँ[संपादित करें]

नासवार के दो रूप में उपयोग में लाया जाता हैं; पाउडर, और चूने के साथ मिलाकर एक पेस्ट के रूप में। इसकी एक बहुत ही तीखी और शक्तिशाली गंध होती है, जो तटीय घास की एक ताजा बेल के समान होती है, और इसमें एक कसैला स्वाद देता है, जब यह लार के साथ मिश्रित होता है। सेवन के बाद 5 मिनट के भीतर निकोटीन का प्रभाव हो सकता है, आंतरिक होंठ और जीभ पर थोड़ी जलन भी पैदा करता है।

उत्पादन[संपादित करें]

सूरज और गर्मी से सूखे तंबाकू के पत्ते, चूना, पेड़ की छाल का राख और स्वाद और रंग को एक साथ मिलाया जाता है। पानी डाला कर मिश्रण का पेस्ट बना कर उन्हें गोलियों का आकार दिया जाता है।

नस में तम्बाकू, राख, कपास या तिल का तेल,[3] पानी, और कभी-कभी गोंद मिला होता है।

नसवार में तंबाकू, चूना, नील, इलायची, तेल, मेन्थॉल, पानी मिला होता है।

दुष्प्रभाव[संपादित करें]

नसवार के उपयोग का प्रमुख दुष्प्रभाव नशा है, और इससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। नसवार अक्सर मुंह और गले के कैंसर का कारण बनता है।[4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Bourne, G. E.: Columbus, Ramon Pane, and the Beginnings of American Anthropology (1906), Kessinger Publishing, 2003, page 5
  2. McKenna, T.: Food of the Gods - The Search for the Original Tree of Knowledge - A Radical History of Plants, Drugs, and Human Evolution, Bantam Books, 1993, page 199
  3. US Department of Health and Human Services. Health consequences of using smokeless tobacco: a report of the Advisory Committee to the Surgeon General. Bethesda, Maryland: US Department of Health and Human Services, Public Health Service, 1986.
  4. Saleem, Saima; Azhar, Abid; Hameed, Abdul; Khan, Mansoor Ahmed; Abbasi, Zubair Ahmed; Qureshi, Navid Rashid; Ajmal, Muhammad (2013). "P53 (Pro72Arg) polymorphism associated with the risk of oral squamous cell carcinoma in gutka, niswar and manpuri addicted patients of Pakistan". Oral Oncology. 49 (8): 818. PMID 23683469. डीओआइ:10.1016/j.oraloncology.2013.04.004.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]