तिमण गढ़

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
thumbs
thumbs

तिमण गढ़ राजस्थान ,भारत के करौली ज़िले में स्थित एक लोकप्रिय दुर्ग है। तीमंगढ़ किला , हिण्डौनसिटी के पास मासलपुर तहसील के अन्दर स्थित है। इतिहासकारों का मानना है कि यहाँ निर्मित ये किला 1100 ई में बनवाया गया था जो जल्द ही नष्ट कर दिया गया। इस किले को 1244ई में चौलुक्यी राजा तीमंपल जो राजा विजय पाल के वंशज थे द्वारा दोबारा बनवाया गया था। लोगों का मानना है कि आज भी इस किले में अष्ठधातु की प्राचीन मूर्तियां, मिट्टी की विशाल और छोटी मूर्तियों को इस किले के मंदिर के नीचे छुपाया गया है। यहाँ बने मंदिरों की छतों और स्तंभों पर सुंदर ज्यामितीय और फूल के नमूने किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए काफी हैं साथ ही यहाँ आने वाले पर्यटक मंदिर के स्तंभों पर अलग अलग देवी देवताओं की तस्वीरों को भी बनाया गया है जो प्राचीन कला का एक बेमिसाल नमूना है।कई रिकॉर्ड साइट से खोज की पुष्टि करते हैं कि किला 1196 और 1244 ई. के लोगों के बीच मुहम्मद गौरी बलों द्वारा कब्जा किया गया था, मानना है कि वहाँ एक सागर झील के तल पर पारस पत्थर , किले के पक्ष में मौजूद है। इस साइट से प्राप्त कई रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि करते हैं कि 1196 से 1244 के बीच इस किले पर मुहम्मद गौरी ने कब्ज़ा कर रखा था। लोगों का मानना है कि आज भी किले के पास स्थित सागर झील में पारस पत्थर है जिसके स्पर्श से कोई भी चीज सोने की हो सकती है।

तिमण गढ़ दुर्ग का निर्माण महाराजा तीमानपाल ने करवाया था जो विजयपाल के वंशज थे ।राजा तीमनपाल भगवान कृष्ण के वंशज है ये यदुवंशी राजपूत पाल या जादौन से संबंधित थे।इनके वंशज अभी करौली रियासत से संबंध रखते है।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जुलाई 2015.