साथी (1968 फ़िल्म)
साथी | |
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साथी का पोस्टर | |
निर्देशक | सी॰ वी॰ श्रीधर |
निर्माता | एस॰ कृष्णमूर्ति |
अभिनेता |
राजेन्द्र कुमार, वैजयन्ती माला, सिमी गरेवाल[1] |
संगीतकार | नौशाद |
प्रदर्शन तिथि |
1968 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
साथी 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको सी॰ वी॰ श्रीधर द्वारा निर्देशित किया गया। नौशाद द्वारा रचित संगीत के साथ इसमें राजेन्द्र कुमार, वैजयन्ती माला, सिमी गरेवाल और पहाड़ी सान्याल प्रमुख भूमिकाओं में हैं। ये 1961 की एक तमिल फ़िल्म की रीमेक है।
संक्षेप
[संपादित करें]डॉ. रवि (राजेन्द्र कुमार) विदेश से लौटता है और एक अस्पताल में मुख्य सर्जन का पद ग्रहण करता है। वह नर्स शान्ति (वैजयन्ती माला) से मिलता है जो अपनी बीमार मां के साथ गरीबी में रहती हैं। रवि उसकी माँ पर ऑपरेशन करने का फैसला करता है, लेकिन वह मर जाती है। अपराध-बोध से ग्रस्त रवि शान्ति से शादी करता है। इसे उसके गुरु काका नाराज हो जाते हैं जिन्हें उम्मीद थी कि वह उनकी बेटी रजनी (सिमी गरेवाल) से शादी करेगा। नव दंपति अपने हनीमून के लिए कश्मीर जाते हैं। वह ऐसे ही घूमते-घूमते जिंदगी बसर करना चाहते हैं। लेकिन अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर चाहता है कि रवि अपने कैंसर अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करे।
रवि अपने को अनुसंधान में इतना व्यस्त कर लेता है कि शान्ति बीमार हो जाती है और अब बोझ नहीं बनना चाहती है। वह उसे छोड़ देती है। रवि उसकी व्यर्थ में खोज करता है और बाद में यह जानकर तबाह हो जाता है कि वह एक ट्रेन दुर्घटना में मर गई है। काका तब बहुत बीमार हो जाता है और काकी रवि से कहता है कि उसकी बीमारी का कारण रजनी की जिद है कि वह रवि के अलावा किसी से शादी नहीं करेगी। नतीजतन, रवि उससे शादी कर लेता है लेकिन शान्ति को अपने दिमाग से नहीं निकाल पता है। चिड़चिड़ी रजनी उपेक्षित महसूस करती है और रवि का सामना करने का फैसला करती है। लेकिन परिणामस्वरूप वह अपनी दृष्टि खो देता है और शायद आगे कोई कैंसर अनुसंधान करने में असमर्थ हो जाता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- राजेन्द्र कुमार — रवि
- वैजयन्ती माला — शान्ति
- सिमी गरेवाल — रजनी
- पहाड़ी सान्याल — रजनी के पिता
- डेविड अब्राहम — प्रमुख डॉक्टर
- वीणा — रजनी की माता
- राम मोहन — रवि का सहकर्मी
- विशेष उपस्थिति
- शशि कपूर — राजा साब का अभिनेता
- नन्दा — राजा साब की अभिनेत्री
- संजीव कुमार — अशोक
- डी के सप्रू — फिलिप्स
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत नौशाद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आँखें खुली थी आये थे वो भी" | मुकेश | 4:28 |
2. | "जो चला गया उसे भूल जा" | मुकेश | 5:42 |
3. | "मेरा प्यार भी तू है" (I) | मुकेश, सुमन कल्याणपुर | 4:14 |
4. | "मेरे जीवन साथी" | लता मंगेशकर | 3:56 |
5. | "हुस्न-ए-जाना इधर आ" | मुकेश | 3:59 |
6. | "मेरा प्यार भी तू है" (II) | मुकेश, सुमन कल्याणपुर | 4:22 |
7. | "ये कौन आया रोशन हो गई" | लता मंगेशकर | 3:44 |
8. | "मैं तो प्यार से पिया" | लता मंगेशकर | 3:44 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1969 | सिमी गरेवाल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | जीत |
एन॰ एम॰ शंकर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सम्पादक पुरस्कार | जीत |