सामग्री पर जाएँ

कणाभ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

भौतिकी में कणाभ (Quasiparticle) उन्मज्जी संवृति है जो स्थूल रूप से एक जटिल प्रणाली है जैसे एक ठोस का व्यवहार जिसमें कि मुक्त आकाश में दुर्बल अन्योन्य क्रिया करने वाले भिन्न कण हों। उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉन किसी अर्धचालक में गति करता है तो अन्य इलेक्ट्रोनों और नाभिक से टक्करों के कारण इसकी गति जटिल रूप से पथित होती है लेकिन यह लगभग उसी तरह व्यवहार करता है जैसे भिन्न द्रव्यमान का कोई इलेक्ट्रॉन व्यवधान रहित मुक्त आकाश में गति करता है। भिन्न द्रव्यमान के इस "इलेक्ट्रॉन" को "इलेक्ट्रॉन कणाभ" कहते हैं।

सभी ठोस तीन तरह के कणों: इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन से मिलकर बने होते हैं। कणाभ इनमें से कोई भी नहीं है बल्कि यह एक उन्मज्जी संवृति है जो ठोसों के अन्दर घटित होती है। इसलिए यह सम्भव है कि एक कण (इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन, न्यूट्रॉन) आकाश में विचरण कर सकता है लेकिन एक कणाभ' केवल ठोस के अन्दर ही रह सकता है।

कणाभ और सामूहिक उत्तेजन के उदाहरण

[संपादित करें]

इस अनुभाग में कणाभ और सामूहिक उत्तेजन के उदाहरण दिये गये हैं। पहले उपानुभाग में वो कणाभ दिये गये हैं जो विभिन्न पदार्थों में सामान्य परिस्थितियों में पाये जाते हैं; दूसरे उपानुभाग में विशिष्ट परिस्थितियों में प्राप्त होने वाले कणाभ दिये गये हैं।

बहुत साधारण उदाहरण

[संपादित करें]
  • ठोसो में, इलेक्ट्रॉन कणाभ एक इलेक्ट्रॉन होता है जो ठोस में अन्य बलों और अन्योन्य क्रियाओं से प्रभावित होता है। इलेक्ट्रॉन के कणाभ का आवेश और प्रचक्रण मूलकण इलेक्ट्रॉन के समान होता है और एक सामान्य इलेक्ट्रॉन के समान यह भी एक फर्मिऑन होता है। हालांकि इसका द्रव्यमान मूलतः सामान्य इलेक्ट्रॉन से कम होता है।[1]
  • कोटर किसी अवस्था में इलेक्ट्रॉन की कमी अनुरूपि कणाभ है; यह सामान्य रूप से अर्धचालकों के संयोजी बैण्ड में रिक्त अवस्था के लिए काम में लिया जाता है।[1] एक कोटर का आवेश इलेक्ट्रॉन के विपरीत होता है।
  • फ़ोनान (ध्वनि क्वांटम) किसी दृढ़ क्रिस्टल सरंचना में परमाणुओं के स्पंदन का सामूहिक उत्तेजन है। यह ध्वनि तरंग का क्वांटम है।
  • मैगनॉन
  • रोटॉन
  • पोलरिटॉन
  • प्लाज़्मॉन (द्रव्यैकक)
  • पोलरॉन (ध्रुवॉन)
  • ऐक्साइटॉन
  • प्लास्मारिटॉन

बहुत विशिष्ट उदाहरण

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. E. Kaxiras, Atomic and Electronic Structure of Solids, ISBN 0-521-52339-7, पृष्ठ 65–69.