अशोक चक्र (पदक)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
अशोक चक्र



अशोक चक्र और इसका रिबन - भारत का सर्वोच्च शांति कालीन सैनिक सम्मान
 भारत द्वारा पुरस्कृत
देश  भारत
प्रकार शौर्य पदक
पात्रता सेना, नौसेना, वायुसेना अथवा रिज़र्व बल, टेरिटोरियल सेना, अथवा विधि दवारा सथापित किसी भी सशस्त्र बल के पुरुष अथवा महिला सैनिक व अधिकारी।[1]
देने का कारण "सबसे विशिष्ट बहादुरी या वीरता या आत्म-बलिदान के साहसी या पूर्व-प्रख्यात कार्य (दुश्मन के सम्मुख नही)।"[1]
स्थति वर्तमान में प्रदत्त
पश्च-नामिक AC
आंकड़े
स्थापना 04 जनवरी 1952
प्रथम प्रदत्त 26 जनवरी 1952
अंतिम प्रदत्त 2018
कुल प्राप्तकर्ता 90
मरणोपरांत
पुरस्कार
58
सुभिन्न
प्राप्तकर्ता
83
अग्रता-क्रम
अगला (उच्चतर) परम वीर चक्र [2]
अगला (निम्नतर) कीर्ति चक्र

अशोक चक्र भारत का शांति के समय दिया जाने वाला सबसे ऊँचा वीरता पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। अशोक चक्र राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।

पदक[संपादित करें]

अशोक चक्र पदक गोलाकार, दोनों तरफ रिमों के साथ १.३८ इंच (३५.०५२ मिलीमीटर) का व्यास और स्वर्ण-कलई का होता है। इसके अग्रभाग पर तथा केन्द्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण होती है जिसके चारों ओर कमल-माला है। इसके पश्चभाग पर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में “अशोक चक्र” शब्द उत्कीर्ण होते हैं। "[3]

फीता[संपादित करें]

अशोक चक्र का फीता नारंगी खड़ी लाइन द्वारा दो बराबर भागों में विभाजित हरे रंग का होता है।

बार[संपादित करें]

यदि कोई चक्र प्राप्तकर्ता ऐसी वीरता का कार्य पुनः करता है जो उसे चक्र प्राप्त करने के लिए पुनः पात्र बनाता है तो फीते को जोड़े जाने के लिए ऐसे और वीरता के कार्य की पहचान बार द्वारा की जाती है जिसके द्वारा चक्र संलग्न हो जाता है और प्रत्येक ऐसे तदनन्तर वीरतापूर्ण कार्य के लिए एक अतिरिक्त बार शामिल किया जाता है। ऐसे प्रत्येक बार के लिए लघुचित्र में चक्र की एक प्रतिकृति, इसे अकेले पहनते समय फीते के साथ शामिल की जाती है।

अशोक चक्र पदक का इतिहास[संपादित करें]

अशोक चक्र पदक सम्मान सेना के जवान, आम नागरिक को जीवित या मरणोपरांत दिया जाता है। १९४७ में स्वतंत्रता के बाद से अब तक ९० लोगों को अशोक चक्र सम्‍मान दिए गए हैं। इस सम्मान की स्‍थापना ४ जनवरी १९५२ को हुई थी । प्रारम्भ में इसका नाम ‘अशोक चक्र, वर्ग-1’ था। सन् १९६७ में इस सम्मान से वर्ग की अनिवार्यता को हटा दिया गया और इसके समकक्ष तीन सम्मान घोषित किए गए। इनका नामकरण क्रमश ‘अशोक चक्र’, ‘कीर्ति चक्र’ और ‘शौर्य चक्र’ किया गया। १ फरवरी १९९९ से केंद्र सरकार ने अशोक चक्र के लिए १४०० रुपए का मासिक भत्‍ता निर्धारित किया है।


अशोक चक्र प्राप्तकर्ता[संपादित करें]

पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची, वर्षवार

2021 एएसआई बाबू राम
2019 नजीर अहमद वानी
2017 ज्योति प्रकाश निराला
2016 हवलदार हंगपन दादा
2015 मोहन गोस्वामी
2014 मुकुंद वरदराजन
2014 नीरज कुमार सिंह
2013 लालकृष्ण प्रसाद बाबू
2012 नवदीप सिंह
2011 लैशराम ज्योतिन सिंह
2010 राजेश कुमार
2010 डी. श्रीराम कुमार
2009 मोहित शर्मा
2009 बहादुर सिंह बोहरा
2009 हेमंत करकरे
2009 विजय सालस्कर
2009 अशोक कामटे
2009 तुकाराम ओम्बले
2009 गजेंद्र सिंह बिष्ट
2009 संदीप उन्नीकृष्णन
2009 मोहन चंद शर्मा
2009 जोजन थॉमस
2009 आर. पी डिएन्ग्दोह
2009 प्रमोद कुमार सतपथी
2008 दिनेश रघु रमन
2007 राधाकृष्णन नायर हर्षन
2007 चुन्नी लाल
2007 वसंत वेणुगोपाल
2004 त्रिवेणी सिंह
2004 संजोग छेत्री
2002 सुरिंदर सिंह
2002 रामबीर सिंह तोमर
2001 कमलेश कुमारी
2000 सुधीर कुमार वालिया
1997 पुनीत नाथ दत्त
1997 शांति स्वरूप राणा
1996 अर्जुन सिंह जसरोतिया
1995 राजीव कुमार जून
1995 सुज्जन सिंह
1995 हर्ष उदय सिंह गौड़
1994 नीलकांतन जयचंद्रन नायर
1993 राकेश सिंह
1992 संदीप शंकला
1991 रणधीर प्रसाद वर्मा
1987 नीरजा भनोट
1985 छेरिंग मोतुप
1985 निर्भय सिंह
1985 भवानी दत्त जोशी
1985 राम प्रकाश रोपेरिया
1985 जसबीर सिंह रैना
1985 भूकांत मिश्रा
1985 राकेश शर्मा
1984 गेन्नादी स्त्रेकलोव
1984 यूरी मल्यशेव
1981 साइरस अद्दी पीठावाला
1974 गुरुनाम सिंह
1972 उम्मेद सिंह मेहरा
1969 जस राम सिंह
1965 जिया लाल गुप्ता
1962 खरका बहादुर लिनिबु
1962 मैन बहादुर राय
1958 एरिक जेम्स टकर
1958 जैश बाजीराव सकपाल
1957 जे आर चिटनीस
1957 पी एम रमन
1957 जोगिंदर सिंह
1956 सुंदर सिंह
1952 सुहास बिस्वास
1952 बचित्तर सिंह
1952 नरबहादुर थापा

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "अशोक चक्र". Honours & Awards. भारतीय सेना.
  2. Precedence Of Medals
  3. "पुरस्कार के बारे में". मूल से 29 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितंबर 2019.