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प्रवेशद्वार:मेघालय

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मेघालय प्रवेशद्वार

मेघालय भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ की जनसंख्या 2,175,000 है 2000। इसके उत्तर में असम, जो ब्रह्मपुत्र नदी से विभाजित होती है, और दक्षिण में बांग्लादेश है। यहाँ की राजधानी खुबसूरत शहर शिलांग है जहाँ की जनसँख्या लगभग 260,000 है। मेघालय पहले असम राज्य का हिस्सा था जिसे 21 जनवरी 1972 को विभाजित कर नया प्रान्त बनाया गया। मेघालय की जलवायु उपोष्ण (उष्ण और शीत के मध्य) तथा आर्द्र है । वार्षिक वर्षा 1200 से.मी. तक होती है जिसके कारण यह राज्य देश का सबसे "गीला" राज्य कहा जाता है । चेरापूंजी, जो राजधानी शिलांग से दक्षिण है, ने एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बारिश का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है ।
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चयनित लेख

शिलांग भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी है। भारत के पूर्वोत्तर में बसा शिलांग हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे भारत के पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। पहाड़ियों पर बसा छोटा और खूबसूरत शहर पहले असम की राजधानी था। असम के विभाजन के बाद मेघालय बना और शिलांग वहां की राजधानी। लगभग 1695 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर में मौसम हमेशा खुशगवार बना रहता है। मानसून के दौरान जब यहां बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है और शिलांग के चारों तरफ के झरने जीवंत हो उठते है।
लोग
शिलांग के अधिकांश लोग खासी नामक जनजाति के हैं। इस जनजाति‍ के ज्यादातर लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। खासी जनजाति के बारे में दिलचस्प बात यह है कि इस जनजाति में महिला को घर का मुखिया माना जाता है। जबकि भारत के अधिकांश परिवारों में पुरुष को प्रमुख माना जाता है। इस जनजाति में परिवार की सबसे बड़ी लड़की को जमीन जायदाद की मालकिन बनाया जाता है। यहां मां का उपनाम ही बच्चे अपने नाम के आगे लगाते हैं।
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चयनित चित्र

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चयनित जीवनी

हेलेन गिरि एक भारतीय संगीतविद् और इतिहासकार है, जो खासी संगीत परंपरा को बढ़ावा देने में उनके प्रयासों के लिए जानी जाती है। वह उत्तर पूर्वी पर्वतीय विश्वविद्यालय में संकाय के पूर्व सदस्य, व संगीत नाटक अकादेमी के कार्यकारी परिषद के सदस्य हैं। उन्होंने पारंपरिक खासी संगीत वाद्ययंत्रों की बहाली में योगदान दिया है और उन्होंने खासी संगीत को बढ़ावा देने के लिए मार्टिन लूथर ईसाई विश्वविद्यालय, शिलांग में एक छात्रवृत्ति निधि की स्थापना की है। उन्होंने ३५ पारंपरिक संगीत संस्थानों की स्थापना में सहायता की है और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों के पुनर्वास के लिए काम करने के अलावा, संगीत समारोहों का आयोजन किया है।  उनकी पुस्तक, खासी अंडर ब्रिटिश रूल, १८२४-१९४७, आजादी की पूर्व अवधि के दौरान खासी जीवन का एक ऐतिहासिक वर्णन है।

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चयनित पर्यटन स्थल

चेरापुंजी भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय का एक शहर है। यह शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान दुनिया भर में मशहूर है। हाल ही में इसका नाम चेरापूंजी से बदलकर सोहरा रख दिया गया है। वास्तव में स्थानीय लोग इसे सोहरा नाम से ही जानते हैं। यह स्थान दुनियाभर में सर्वाधिक बारिश के लिए जाना जाता है। इसके नजदीक ही नोहकालीकाई झरना है, जिसे पर्यटक जरूर देखने जाते हैं। यहां कई गुफा भी हैं, जिनमें से कुछ कई किलोमीटर लम्बी हैं। चेरापूंजी बांगलादेश सीमा से काफी करीब है, इसलिए यहां से बांगलादेश को भी देखा जा सकता है।
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मेघालय का खाना


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श्रेणियां

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विषय

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