"चक्रीय चतुर्भुज": अवतरणों में अंतर
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| align="left" | विकर्ण |
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| <math>e = \overline{AC}=\sqrt{\frac{(ac+bd)(ad+bc)}{ab+cd}}\, |
| <math>e = \overline{AC}=\sqrt{\frac{(ac+bd)(ad+bc)}{ab+cd}}\, \, f=\overline{BD}=\sqrt{\frac{(ab+cd)(ac+bd)}{ad+bc}} </math> |
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| align="left" | परिवृत्त की त्रिज्या |
| align="left" | परिवृत्त की त्रिज्या |
20:43, 31 जनवरी 2017 का अवतरण
चक्रीय चतुर्भुज (cyclic quadrilateral) ऐसे चतुर्भुज को कहते हैं जिसके चारो शीर्ष किसी वृत्त की परिधि पर स्थित हों। किसी चक्रीय चतुर्भुज के आमने-सामने के कोणों का योग १८० होता है।
क्षेत्रफल
यदि सभी भुजाएँ दी गयी हों तो चक्रीय चतुर्भुज का क्षेत्रफल, ब्रह्मगुप्त सूत्र से निकाला जाता है।
जहाँ s, अर्धपरिधि है।
अन्य गुण
चक्रीय चतुर्भुज के गुणधर्म | ||
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क्षेत्रफल | ||
क्षेत्रफल | ||
भुजाओं की लंबाई | ||
अर्धपरिधि | ||
विकर्ण | ||
परिवृत्त की त्रिज्या |
इन्हें भी देखें
- ब्रह्मगुप्त का सूत्र - चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल की गणना के लिए
- ब्रह्मगुप्त प्रमेय - चक्रीय चतुर्भुज के एक विशेष गुण से सम्बन्धित