विकिपीडिया वार्ता:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ

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यह वार्ता पृष्ठ विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ से संबंधित लेख विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ में सुधार हेतू चर्चा के लिए है। यदि आप अपने संदेश पर जल्दी सबका ध्यान चाहते हैं, तो यहाँ संदेश लिखने के बाद चौपाल पर भी सूचना छोड़ दें।

श्रेणी और उप-श्रेणी[संपादित करें]

माला जी, "हिन्द की बेटियाँ" परियोजना के लिये मैं बधाई देना चाहूँगा। मैं केवल आपसे और अन्य सदस्यों से यही निवेदन करूँगा कि कृपया "भारतीय महिला वैज्ञानिक" श्रेणी के हर लेख पर "हिन्द की बेटियाँ" श्रेणी मत जोड़िये, बल्कि "भारतीय महिला वैज्ञानिक" की समस्त श्रेणी को "हिन्द की बेटियाँ" श्रेणी की उप-श्रेणी बनायिए। मुज़म्मिल (वार्ता) 15:42, 13 अक्टूबर 2013 (UTC).[उत्तर दें]

मैं मुज़म्मिल जी से सहमत हूं। "हिन्द की बेटियाँ" एक परियोजना के शीर्षक के तौर पर तो ठीक है लेकिन यदि हर लेख पर हम यह श्रेणी लगा देंगे तो इसे चैलेंज किया जा सकता है क्योंकि यह ज्ञानकोषीय वर्तनी नहीं है। अधिक से अधिक इसे महाश्रेणी बनाया जा सकता है, ठीक जैसे कि ऊपर मुज़म्मिल जी ने कहा है। इससे यदि कल को प्रबंधक इत्यादि यदि इस वर्तनी को चैलेंज भी करते हैं तो बदलाव करना आसान होगा क्योंकि कुछ दस बीस जगह ही बदलाव करना होगा, किंतु यदि हर लेख में इसे जोड़ दिया जाएगा तो बदलाव कठिन हो जाएगा।
इसके अलावा और बातें भी दिमाग में आयी हैं - पहली - इस सीरीज़ में केवल जीवनियां रखी जाएं। दूसरी- यह योजना बहुत दूर तक जाने वाली है और बहुत बड़ी होने वाली है, हाथ से बाहर ना हो जाऐ इसके लिए सावधानी से शुरुआत करना अतिआवश्यक है। सांचे में सीधे ही नाम लिखना शुरु कर दें तो कितने लिखेंगे, हज़ारों हज़ार उल्लेखनीय महिलाएं है। अतः मेरे विचार में जल्दबाजी न की जाए और बाकी लोगों के विचारों का इंतज़ार कर लेना चाहिए। हालांकि सबसे ज्यादा जल्दबाज़ी मैंने ही दिखाई है, और शायद इसी से मुझे यह ज्ञानप्राप्ति हुई है। मेरे विचार में सांचे की योजना इस प्रकार होनी चाहिए-
  • वीरांगनाएं - माईथोलोजी (दुर्गा, कालिका आदि), पुरातन इतिहास(कैकेयी आदि), प्रथम स्वतंत्रता संग्राम-(रानी झांसी आदि), द्वितीय संग्राम(सरोजिनी नायडु,दुर्गा भाभी आदि), आधुनिक भारत(नीरजा भनोट, निर्भया, किरन बेदी आदि)
  • राजनीति-
  • विज्ञान-
  • व्यवसाय-
  • टीवी,सिनेमा, मीडिया-
  • खेल-हाकी, क्रिकेट, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, ऑलंपिक्स आदि आदि
  • फैशन व सौंदर्य- माडलिंग, विश्व सुंदरी, फैशन डिज़ाईनर्स
  • कला - नृत्यांगनाएं, लेखिकाएं, कवयित्रियां

सार यह है कि महा श्रेणी के अंदर केवल उपश्रेणियां, उनके अंदर लेख। मेरे खयाल से यही एक तरीका है जिससे थोड़े स्थान में कई हजार लेख समा सकते हैं, सीधे नहीं। आपका क्या विचार है?-- मनोज खुराना ( सदस्यपृष्ठ) 18:11, 13 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

एक और भाग जोड़ा जा सकता है-

मुज़म्मिल जी, मनोज जी,

मैं यह टिपण्णी चौपाल और अपने वार्ता पृष्ठ पर भी दे चुकी हूँ, प्रसंगवश यहाँ भी दे रही हूँ । मुझे महसूस हो रहा है, कि हिंद की बेटियाँ परियोजना को लेकर अभी भी कुछ कन्फ्यूजन है। दरअसल यह परियोजना बित्त,वाणिज्य, अर्थ, न्याय, विज्ञान, राजनीति, प्रशासन, प्रकाशन आदि क्षेत्रों की उन महिलाओं पर केंद्रित है, जो अपने उद्यम, योग्यता, प्रतिभा के बल पर अति उच्च पदों को प्राप्त करने में सफलता पायी है। मसलन भारत की राष्ट्रपति, भारत की प्रधानमन्त्री, लोकसभा या विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, बैंकिंग सेक्टर के चेयरमैन, रिजर्व बैंक के गवर्नर, सेवी के चेयरमैन, उच्च न्यायालय व् सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश,विभिन्न खेलों की कप्तान, उच्च व्यावसायिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की संपादक, इलेक्ट्रोनिक मिडिया की समाचार समन्वयक अथवा निदेशक आदि। इस परियोजना के साथ लीलावती की समस्त बेटियों को जोडना भी न्यायसंगत नहीं होगा। केवल लीलावती की उन्हीं बेटियों को परियोजना के साथ जोड़ा जाना उचित प्रतीत होगा जिन्होंने विज्ञान जगत में उच्च व्यावसायिक पद प्राप्त किया है। वीरांगनाओं के लिए हिंद की विरांगनाएं, साहित्य,कला, फैशन व सौंदर्य के लिए अलग से कोई और परियोजना चलाई जा सकती है। इसमें केवल व्यावसायिक पदों को ही शामिल किया जाए अव्यवसायिक पदों को शामिल करने से यह परियोजना काफी बड़ी और असंतुलित हो जायेगी, जिसे आगे चलकर संभालना बहुत मुश्किल हो जाएगा। मेरे खयाल से यह तरीका सर्वाधिक श्रेयस्कर है। --माला चौबेवार्ता 04:14, 14 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

मेरी राय में यदि सांचे में लिस्ट को यदि वर्णानुक्रम से सजाएं तो अच्छा रहेगा। ---- मनोज खुराना ( सदस्यपृष्ठ) 13:48, 15 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

सांचे में लिस्ट वर्णानुक्रम में YesY पूर्ण हुआ --माला चौबेवार्ता 05:12, 17 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

नीरजा भनोट - भारत द्वारा अशोक चक्र व पाकिस्तान द्वारा तमगा-ए-इन्सानियत से सम्मानित श्यामला गोपीनाथ, ऊषा थोरट - भारतीय रिज़र्व बैंक की भूतपूर्व उप-गवर्नर

-- मनोज खुराना ( सदस्यपृष्ठ) 13:41, 17 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

सही है, उपरोक्त सभी को इस परियोजना से जोड़ा जा रहा है।

--माला चौबेवार्ता 05:12, 18 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

"अन्य" में खिलाड़ियों को अलग किया जा सकता है, अभी मैरी कोम, दीपिका कुमारी, पी टी ऊषा, साईना नेहवाल आदि भी बाकी हैं। -- मनोज खुराना ( सदस्यपृष्ठ) 06:57, 18 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

हाँ यह सही है, मैं सोच रही हूँ कि क्यों न खेल को अलग ही कर दिया जाये?

--माला चौबेवार्ता 07:23, 18 अक्टूबर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

कृपया इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बचेंद्री पाल जोशना चिनप्पा‎ रितुपर्णा दास ‎समयाभाव के कारण काम थोड़ा कम कर पा रहा हूं। --मनोज खुराना वार्ता 09:12, 24 दिसम्बर 2013 (UTC)[उत्तर दें]

लक्ष्मी को मिला 'इंटरनेशनल विमिन ऑफ करेज' अवॉर्ड[संपादित करें]

http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/america/----/articleshow/31419994.cms कृपया इसे देखें।

--मनोज खुराना वार्ता 07:36, 5 मार्च 2014 (UTC)[उत्तर दें]

उप परियोजना: हिन्द की लेखिकाएं शुरू करने के संदर्भ में[संपादित करें]

@Manojkhurana, Hindustanilanguage, और Naziah rizvi: मेरी इच्छा है, कि विकिपीडिया:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ के अंतर्गत अलग-अलग विषय पर कई उप परियोजनाएं चलाई जाये। प्रथम चरण में हिन्द की लेखिकाएं हो, जिसमें हम सब मिलकर भारत की मुख्य भाषा हिन्दी, उर्दू तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के अग्रगामी उल्लेखनीय लेखिकाओं पर पृष्ठ बनाएँगे, उन्हें परिमार्जित करेंगे और अन्य भाषाओं के विकिपीडिया पृष्ठ पर अनुवादित कर प्रतिष्ठापित करेंगे, आदि आदि। यद्यपि आप सभी विकिपीडिया:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ के सम्मानित सदस्य हैं, इसलिए सर्वप्रथम इस विषय पर आप लोगों की राय मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कृपया अपने सुझाव देवें कि इन उप परियोजनाओं को कैसे मूर्तरूप दिया जा सके।--माला चौबेवार्ता 05:59, 17 अप्रैल 2014 (UTC)[उत्तर दें]

अति उत्तम विचार है, माला जी। मेरी पूर्ण सहमति है। किंतु साहित्य आदि में मेरा हाथ थोड़ा तंग है, फिर भी सहयोग का यथासंभव प्रयास करुँगा। अभी कल ही मैंने झुम्पा लाहिड़ी लेख में भी थोड़ा सुधार किया था। व्यापार अर्थव्यवस्था आदि क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं पर मैं कार्य अवश्य जारी रखूँगा। --मनोज खुराना वार्ता 06:13, 17 अप्रैल 2014 (UTC)[उत्तर दें]
माला जी, यह मेरा सौभाग्य होगा, कि इस परियोजना में आपकी सहयोगी बनूँ. उर्दू की लेखिकाओं के साथ-साथ कुछ हिंदी लेखिकाओं के पृष्ठ पर भी मैं काम करना चाहूंगी.इस विचार से मेरी पूर्ण सहमति है.Naziah rizvi (वार्ता) 04:27, 18 अप्रैल 2014 (UTC)[उत्तर दें]

हिन्द की बेटियाँ से सम्बद्ध श्रेणी[संपादित करें]

@Mala chaubey, Manojkhurana, Hindustanilanguage, और Naziah rizvi: मैं वैसे तो इस परियोजना का हिस्सा नहीं हूँ फिर भी हिन्दी विकिपीडिया का सदस्य होने के नाते मेरे विचार लिख रहा हूँ: मुझे लगता है इस परियोजना से जुड़ी श्रेणी श्रेणी:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ अथवा अन्य उपश्रेणी को छुपी हुई श्रेणी के रूप में जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए सम्बंधित श्रेणी में {{छुपी श्रेणी}} लिखना होगा। ध्यान रहे, ये मेरा सुझाव है अतः अन्तिम निर्णय चर्चा के बाद ही लिया जाये और समर्थन अथवा विरोध करने वाले भी उपयुक्त कारण लिखें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:27, 28 अप्रैल 2014 (UTC)[उत्तर दें]

मेरी राय में किसी बड़ी वो महत्वपूर्ण परियोजना से जुड़ी श्रेणी श्रेणी:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ अथवा अन्य उपश्रेणी को छुपी हुई श्रेणी के रूप में जोड़ा जाना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे परियोजना के मुख्य उद्देश्य प्रभावित होंगे. हाँ आगे चलकर जब परियोजना मुकम्मल रूप ले ले तो ऐसा किया जा सकता है.Naziah rizvi (वार्ता) 16:21, 30 अप्रैल 2014 (UTC)[उत्तर दें]
मैं नाज़िया जी से सहमत हूँ। --मुज़म्मिल (वार्ता) 07:51, 1 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी का सुझाव सही है, किन्तु नाज़िया जी का सुझाव भी प्रासंगिक है कि आगे चलकर जब परियोजना के उद्देश्य फलीभूत हो जाएँ तब छुपी हुई श्रेणी का प्रयोग उचित होगा।--माला चौबेवार्ता 05:15, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
आप सभी की सहमति होने के बाद मुझे भी कोई आपत्ति नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:19, 3 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

दीपा मलिक[संपादित करें]

हाल ही में मैंने एक टी वी इंटरव्यू में दीपा मलिक के बारे में जाना। वे पीठ से नीचे लकवाग्रस्त हैं फिर भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में कई पदक हासिल कर चुकी हैं। कई रिकॉर्ड स्थापित कर चुकी हैं। मेरे विचार से उनके नाम से एक पृष्ठ यहाँ अवश्य होना चाहिए, बल्कि क्या आप जानते हैं स्तंभ में भी उनका उल्लेख किया जा सकता है। अंग्रेजी विकि पर भी ढूँढने पर उनके नाम का पृष्ठ तो नहीं मिला लेकिन इन पन्नों पर उनका ज़िक्र अवश्य है। अतः वहाँ से संदर्भ भी मिल सकते हैं। मैं क्षमा चाहता हूँ कि मैं स्वयं अभी इस पर कार्य नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मेरा ध्यान अभी बजट आदि पर है, अतः ये सुझाव आपको प्रेषित कर रहा हूँ।

इनके अतिरिक्त भी देखें। सुश्री सुनील डबास, व ममता सौदा आदि को खेलों के लिए पद्मश्री मिला है तो हो सके तो कृपया इन पृष्ठों का भी विस्तार करने का कष्ट करें। --मनोज खुराना वार्ता 10:43, 11 जुलाई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

धन्यवाद मनोज जी,

मैं शीघ्र ही इस परियोजना में उपरोक्त सभी खिलाड़ियों को जोड़ दूँगी। धन्यवाद सुझाव के लिए।--माला चौबेवार्ता 07:53, 12 जुलाई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

खेलों के लिए अलग श्रेणी व साँचा[संपादित करें]

@Mala chaubey:-श्र: 2014 राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत के पदक विजेता खिलाड़ी में कई महिला खिलाड़ी शामिल हैं,। किंतु जिस प्रकार से वर्तमान साँचा पहले ही काफी बड़ा हो चुका है (इसके लिए सारा श्रेय आप ही को जाता है), अब यह संभव नहीं जान पड़ता कि सभी के नाम इसी साँचे में जोड़े जा सकें। जिस प्रकार आपने साहित्यकार श्रेणी को एक अलग रूप देने की कोशिश की है, मेरे विचार से खेलों की भी अलग श्रेणी बना देनी चाहिए। लेकिन मेरा सुझाव है कि मातृपरियोजना का लिंक शीर्षक रूप में इन संततिपरियोजनाओं में अवश्य होना चाहिए। कृपया इसके लिए भारतीय महिला साहित्यकार साँचे में भी आवश्यक बदलाव करने का कष्ट करें। वैसे जल्दी ही राजनीति व उद्योग/व्यापार आदि के लिए भी साँचे अलग करने पड़ेंगे।--मनोज खुराना वार्ता 06:08, 28 जुलाई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Manojkhurana:जी,

यह विचार मेरे मन में बहुत पहले से है, किन्तु वर्तमान परिस्थितियों में मैं थोड़ा असहज हूँ। विकि यात्रा में आपका सहयोग मुझे सदैव कार्य के प्रति उत्साहित करता रहा है । आपसे वादा करती हूँ कि शीघ्र ही इस दिशा में आपकी सोच के अनुरूप कोई ठोस कार्य करूंगी। फिलहाल सानिया मिर्ज़ा लेख के सुधार में कुछ पहल करती हूँ। आपका आत्मिक आभार।--माला चौबेवार्ता 06:24, 28 जुलाई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Mala chaubey:- माला जी, यह एक यज्ञ है जो अपनी मातृभाषा की रक्षा एवं सम्मानवृद्धि हेतु हम लोग मिल जुल कर रहे हैं। हवन में आहुति देते हुए कभी कभी आँच ज्यादा भी हो जाती है, कभी धुआँ भी आँखों में चला जाता है, असहजता होती है लेकिन यज्ञ जारी रहना चाहिए। असहज होने की कोई आवश्यकता नहीं है। कृपया अपना योगदान पूरे सामर्थ्य के साथ जारी रखें। --मनोज खुराना वार्ता 06:33, 28 जुलाई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

इतिहास में नारीशक्ति[संपादित करें]

इस परियोजना में इतिहास की महान नारियाँ तथा वीरांगनाओं का भी एक भाग होना चाहिए। -- TrendSPLEND 19:02, 16 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]

आपने सही कहा कि इसमें वीरांगनाओं का भी एक भाग होना चाहिए। इसपर मैंने कार्य करना शुरू भी कर दिया था, लेकिन अस्वस्थता के कारण अभी मैं पूर्णत: सक्रिय नहीं हो पा रही हूँ। जैसे ही समय मिला इस दिशा में कार्य करूंगी।--माला चौबेवार्ता 04:39, 18 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]