लोकक्षेम (बौद्ध भिक्षु)

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लोकक्षेम (चीनी: 支婁迦讖; pinyin: Zhī Lóujiāchèn, sometimes abbreviated Zhīchèn Chinese: 支讖), जन्म लगभग 147 ई), एक बौद्ध भिक्षु थे जो महायान सम्रदाय के संस्कृत ग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद करने वाले प्राचीनतम व्यक्ति हैं। चीनी बौद्ध धर्म में उनका बहुत महत्व है। वे गान्धार से चीन गये थे।

कृतियाँ[संपादित करें]

'ताइशो त्रिपिटक' के सम्पादकों के अनुसार लोकक्षेम ने १२ ग्रन्थों की रचना (अनुवाद) किया। किन्तु कुछ विद्वान इस पर शंका जताते हैं। अधिकांश विद्वान निम्नलिखित ग्रन्थों को लोकक्षेम द्वारा रचित मानते हैं-

  • T224. 道行般若經. अष्तसाहस्रिक प्रज्ञापारमिता सूत्र का अनुवाद
  • T280. 佛說兜沙經. प्रारम्भिक अव्तंसक सूत्र का भाग
  • T313. 阿閦佛國經. अक्षोभ्य-व्यूह
  • T350. 說遺日摩尼寶經. काश्यपपरिव्रत
  • T418. 般舟三昧經. प्रत्युत्पन्न समाधि सूत्र
  • T458. 文殊師利問菩薩署經. बोधिसत्त्व से सम्बन्धित मञ्जुश्री के प्रश्न
  • T626. 阿闍世王經. अजातशत्रु कौकृत्य विनोदन सूत्र
  • T807. 佛說內藏百寶經. The Hundred Jewels of the Inner Treasury.

लोकक्षेम के अनुवाद की शैली की विशेषता यह है कि उन्होंने संस्कृत शब्दावली का बहुलता से चीनी में लिप्यन्तरण किया है, नये शब्द नहीं बनाये। इसके अलावा उन्होंने बड़े-बड़े वाक्य बनाये रखे हैं जो भारतीय शैली है। प्रायः उन्होंने संस्कृत के श्लोकों को चीनी गद्य में अनुवाद किया है और संस्कृत के छन्दों को चीनी छन्दों में बदलने का प्रयत्न नहीं किया है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]