मोतीलाल तेजावत
मोतीलाल तेजावत (१६ मई, १८९६--१४ जनवरी १९६९) 'आदिवासियों का मसीहा' के नाम से जाने जाते हैं। इन्होंने वनवासी संघ की स्थापना की। इनहोंने भील, गरासिया तथा अन्य खेतिहरों पर होने वाले सामन्ती अत्याचार का विरोध किया और उन्हें एकजुट किया।
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सन 1920 में आदिवासियों के हितों को लेकर 'मातृकुंडिया' नामक स्थान पर एकी नामक आन्दोलन शुरू किया। इन्होंने किसानों से बेगार बन्द बनाई और कामगारों को उनकी उचित मजदूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजादी के बाद उदयपुर व चितौडगढ़ से लोकसभा सदस्य रहे तथा राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष भी बने।
इनका जन्म १८९६ को कोल्यारी गांव, उदयपुर में हुआ। १४ जनवरी १९६९ को इनकी मृत्यु हो गई। ==संदर्भ== मोतीलाल तेजावत ने विजयनगर राज्य के निमड़ा गांव में 7 मार्च 1922 को एक सम्मेलन आयोजित किया था। यहां पर गोलीबारी हुई जो बाद में निमड़ा हत्याकाण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गरासिया जनजाति के उत्थान में कार्य किया।