बनशंकरी अम्मा मंदिर
श्री शाकंभरी शक्ति पीठ, चोलचागुड्डा, बदामी | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | शाकंभरी या बनशंकरी, देवी पार्वती का रूप |
त्यौहार | बनशंकरी जात्रे |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | बदामी |
ज़िला | बागलकोट |
राज्य | कर्नाटक |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 15°53′14″N 75°42′18″E / 15.88722°N 75.70500°Eनिर्देशांक: 15°53′14″N 75°42′18″E / 15.88722°N 75.70500°E[1] |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | द्रविड़ियाई वास्तुकला |
निर्माता | मूल चालुक्य |
निर्माण पूर्ण | 18वीं शताब्दी(वर्तमान संरचना), मूल मंदिर 7वीं शताब्दी |
बनशंकरी अम्मा मंदिर बनशंकरी देवी मंदिर (बनशंकरी मंदिर) भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में बदामी के पास चोलचागुड्डा में स्थित एक हिंदू मंदिर है। इस मंदिर को 'शाकंभरी' 'बनशंकरी या वनशंकरी' भी कहा जाता है क्योंकि यह तिलकारण्य वन में स्थित है। मंदिर की देवी को शाकंभरी (कन्नड़: ಶಾಕoಭರಿ) भी कहा जाता है, जो देवी पार्वती का अवतार हैं। इस मंदिर का प्रभाव कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र के भक्तों पर भी पड़ता है। मूल मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी के बादामी चालुक्य राजाओं द्वारा किया गया था, जो देवी बनशंकरी को अपनी संरक्षक देवी के रूप में पूजते थे।
वार्षिकोत्सव
[संपादित करें]इस मंदिर में जनवरी या फरवरी के महीने में बनशंकरी जात्रे नामक वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाव उत्सव और साथ ही एक रथ यात्रा शामिल होती है जिसमें मंदिर की देवी को एक रथ में बिठाकर शहर के चारों ओर घुमाया जाता है।
अवतार
[संपादित करें]बनशंकरी माँ शाकंभरी देवी का ही एक रूप है जिनका वास्तविक, मुख्य तथा प्राचीन मंदिर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है। इसे शक्तिपीठ शाकंभरी देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ इन देवी के साथ भीम, भ्रामरी, शताक्षी और गणेश की मूर्तियाँ भी स्थित हैं। स्थानीय जन मंदिर की देवी को 'बलव्वा', 'बनदव्वा', 'सुंकव्वा', 'शिरवंती', 'चौदम्मा' और 'वनदुर्गे' के नाम से भी पुकारते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बनशंकरी योद्धा-देवी दुर्गा का छठा अवतार हैं।[2][3][4]
इतिहास
[संपादित करें]इतिहासकारों के अनुसार मूल मंदिर को 7 वीं शताब्दी ईस्वी में कल्याणी चालुक्य काल से 603 ईस्वी में जगदेकमल्ला प्रथम (पुरालेख शिलालेखों के अनुसार) में देवी की छवि को स्थापित किया गया था। वर्तमान पुनर्निर्मित मंदिर का निर्माण 1750 में एक मराठा सरदार परशुराम अगले द्वारा किया गया था।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Wikimapia". अभिगमन तिथि 2009-07-14.
- ↑ डेविड अब्रम; निक एडवर्ड्स; माइक फ़ोर्ड; देवदन सेन; बेथ वूलड्रिज (2003). साउथ इंडिया. बनशंकरी. रफ गाइड्स. पृ॰ 282. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-84353-103-6. अभिगमन तिथि 2009-07-11.
- ↑ टी.वी. शिवनंदन (2009-01-23). "कल्चरल बॉन्डिंग ऐट बनशंकरी जात्रे". द हिंदू. मूल से 20 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-11.
- ↑ "ಸಿಂಹ ವಾಹಿನಿ ನೆಲೆಸಿಹ ಬನಶಂಕರಿ ಬಾಗಲಕೋಟೆ ಜಿಲ್ಲೆಯ ಸುಂದರ ತಾಣ". कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल. मूल से 1 फरवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-11.