जंग (2000 फ़िल्म)
जंग | |
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जंग का पोस्टर | |
निर्देशक | संजय गुप्ता |
लेखक |
अभिनव कश्यप अनुराग कश्यप |
निर्माता | सतीश टंडन |
अभिनेता |
संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, आदित्य पंचोली, रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
12 मई, 2000 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
जंग 2000 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। इसका निर्देशन संजय गुप्ता ने किया और इसमें आदित्य पंचोली खलनायक की भूमिका में और संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]ईमानदार और मेहनती पुलिस अधिकारी वीर चौहान (जैकी श्रॉफ) कानून तोड़ने वालों को गिरफ्तार करने में विश्वास करता है ताकि उनपर अदालत में मुकदमे चलाया जाए और इंसाफ हो। जबकि उसके सहयोगी इंस्पेक्टर ख़ान (आदित्य पंचोली) का मानना है कि पुलिस को अपराधियों को गिरफ्तार करने की बजाय कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। वो कई को मुठभेड़ में गोली मारकर मौत के घाट उतार भी चुका है। यही वजह है कि वीर और ख़ान की नहीं बनती।
इस बीच वीर के निजी जीवन में उसकी पत्नी, नैना (रवीना टंडन) और छोटा बेटा, साहिल के साथ खुशी से रहना शामिल है। दुर्भाग्य से परिवार की खुशी कम हो जाती है जब दंपति को यह पता चलता है कि साहिल को ब्लड कैंसर है। उसकी जान बचाने के लिए अस्थि मज्जा का प्रत्यारोपण होना जरूरी है। लेकिन डोनर ऐसा होना चाहिए जिसका अस्थि मज्जा समूह साहिल से मेल खाए, जो खोजना मुश्किल साबित हो रहा है। फिर अंत में 4 साल के लिए वीर की हिरासत में कैद बल्ली (संजय दत्त) नामक अपराधी का समूह उससे मिल जाता है। पहले तो बल्ली अपने अस्थि मज्जा को दान करने से इनकार कर देता है लेकिन बाद में मन बदलने के बाद सहमत हो जाता है। वीर इसके बाद सभी जरूरी इंतजाम करता है जिसमें बल्ली को सलाखों के पीछे से लाना और उसके शरीर से जंजीरों को ढीला कर अस्पताल ले जाना शामिल होता है।
लेकिन दुर्भाग्य से बल्ली भागने में सफल हो जाता है। वीर के बेटे के पास जिंदा रहने के लिए केवल 15 दिन हैं। उसे जितनी जल्दी हो सके बल्ली का पता लगाना होगा, इससे पहले कि ख़ान उसे गोली मार दे।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- संजय दत्त — बल्ली
- जैकी श्रॉफ — इंस्पेक्टर वीर चौहान
- आदित्य पंचोली — इंस्पेक्टर ख़ान
- रवीना टंडन — नैना चौहान
- शिल्पा शेट्टी — तारा
- सौरभ शुक्ला — मूसा
- नीरज वोरा — लच्छमनदास ढोलकिया 'लच्छू'
- संजय मिश्रा — जग्गी
- सचिन खेडेकर — डॉक्टर
- नवीन निश्चल — पुलिस कमिश्नर
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आइला रे लड़की मस्त मस्त तू" | अनु मलिक, अलका याज्ञिक | 5:47 |
2. | "मेरे बिना तुम मेरे बिना तुम" | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:30 |
3. | "कदी ते आना बल्ली दी गली" | अनु मलिक, जसपिंदर नरुला | 6:40 |
4. | "जंग (विषय गीत)" | महालक्ष्मी अय्यर, हरिहरन | 6:19 |
5. | "मेरी ममता में हो इतना असर" | पंकज उधास, करसन सागठीया | 7:00 |
6. | "दिल में जिगर में मेरी नजर में" | कुमार सानु, हेमा सरदेसाई | 6:34 |
7. | "एक लड़की जिसके होठों पे" | अनु मलिक | 6:53 |
8. | "शीर्षक संगीत" (वाद्य संगीत) | N/A | 1:56 |