आलेख

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सांख्यिकी में प्रारम्भिक आंकड़ों को निरूपित करने के लिए चित्रों आदि का प्रयोग करके द्वितीयक आंकड़े प्राप्त करके उनका अध्ययन करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। सांख्यिकीय आंकड़ों का निरूपण करने के लिए गणित, भूगोल,विज्ञान व अन्य विषयों में जो विधियां प्रचलित हैं वे ग्राफ की श्रेणी में आती है। इनको हिंदी में आलेख,आरेख आदि कई नामो से जाना जाता है। इसके अंतर्गत आंकड़ों का आलेखीय निरूपण तीन प्रकार से कर सकते हैं।

दंड आलेख
दंड आलेख

दंड आलेख[संपादित करें]

दंड आलेख - यह आंकड़ों का एक चित्रीय निरूपण होता है जिसमें प्रायः एक अक्ष (मान लीजिए x अक्ष ) पर एक चर को प्रकट करने वाले एक समान चौड़ाई के दंड खींचे जाते हैं। दूसरे चर के मान दूसरे अक्ष (मान लीजिए y अक्ष) पर दिखाए जाते हैं। दण्डों की ऊंचाई चर के मान पर निर्भर करती है।

आयत चित्र
आयत चित्र

आयत चित्र[संपादित करें]

आयत चित्र - आयत चित्र वर्गीकृत व सतत बारम्बारता बंटन का आयतीय निरूपण है।

बारम्बारता बहुभुज(आयत चित्र).
बारम्बारता बहुभुज(आयत चित्र).

बारम्बारता बहुभुज[संपादित करें]

बारम्बारता बहुभुज - यह भी आलेखीय निरूपण का एक प्रकार है। बारम्बारता बहुभुज का निर्माण दो प्रकार से किया जाता है - आयत चित्र के माध्यम से व बिना आयत चित्र के माध्यम से।[1]

बारम्बारता बहुभुज (बिना आयत चित्र)
बारम्बारता बहुभुज(बिना आयत चित्र)


सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल ,जयपुर कक्षा ९ गणित