अफ़लातून (1997 फ़िल्म)
अफ़लातून | |
---|---|
अफ़लातून का पोस्टर | |
निर्देशक | गुड्डू धनोआ |
लेखक | रूमी जाफ़री (संवाद) |
पटकथा | रॉबिन हेनरी |
निर्माता |
गुड्डू धनोआ ललिल कपूर राजू नरूला |
अभिनेता |
अक्षय कुमार, उर्मिला मातोंडकर |
संगीतकार | दिलीप सेन–समीर सेन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
19 दिसंबर, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
अफ़लातून 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह गुड्डु धनोआ द्वारा निर्देशित है। इसमें अक्षय कुमार दोहरी भूमिकाओं में हैं, साथ ही उर्मिला मातोंडकर और अनुपम खेर सहायक भूमिकाओं में हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]राजा (अक्षय कुमार) बेकार आवारा व्यक्ति है जो जल्दी से अमीर बनने की कोशिश कर रहा है। वह एक कॉलेज प्रोफेसर परिमल चतुर्वेदी का रूप धारण कर लेता है। अब वह खूबसूरत अमीर महिलाओं के एक कॉलेज में प्रवेश करता है। इसमें वह अमीर लड़की पूजा (उर्मिला मातोंडकर) के प्यार में पड़ जाता है और उसका दिल जीतने में कामयाब हो जाता है। परेशानी तब आती है जब पूजा के पिता प्रकाश (अनुपम खेर) राजा को गलती से रॉकी (अक्षय कुमार दोहरी भूमिका में) समझ लेते हैं। वह एक क्रूर और निर्दयी अपराधी है जो लोगों को पैसे के लिए ब्लैकमेल करता है या उन्हें जान से मारने की धमकी देता है। वह राजा जैसा दिखता है। प्रकाश, राजा से मदद मांगता है। वह पैसे पाने के लिए उसे रॉकी का रूप धारण करने की कहता है। लेकिन जब रॉकी को राजा के खेल के बारे में पता चल जाता है तो पासा पलट जाता है।
राजा फिर खुद को रॉकी की हवेली में अपहरण किया हुआ पाता है। तब उसे एहसास होता है कि उसे पिछले सात दिनों से नशीला पदार्थ दिया गया है। इन सात दिनों में रॉकी ने खुद को राजा के रूप में प्रस्तुत किया है और पूजा से शादी करने की उसकी मंशा है। फिर राजा को रॉकी के नाम पर फंसा दिया जाता है और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। राजा भागने में सफल हो जाता है और शादी रद्द करा लेता है। वहां वह सच बताता है और रॉकी भाग जाता है। राजा उसका पीछा करते हुए एक बहुमंजिला इमारत में जाता है जहां दोनों बेरहमी से लड़ते हैं। रॉकी को फायदा मिलता है और वह राजा को गिरा देता है। लेकिन वह फिर संभलकर रॉकी को इमारत से धक्का दे देता है, जिससे गिरकर उसकी मौत हो जाती है। अंत में राजा और पूजा की शादी हो जाती है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- अक्षय कुमार — रॉकी / राजा
- उर्मिला मातोंडकर — पूजा
- अनुपम खेर — विद्या प्रकाश
- साज़िया मलिक — सोनिया
- फ़रीदा जलाल — राजा की माता
- सोनिया साहनी — कॉलेज प्रोफ़ेसर
- टीकू तलसानिया — पुलिस
- हरीश पटेल — कमिश्नर
- रेमो डीसूजा — रेमो
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत दिलीप सेन–समीर सेन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "अफ़लातून अफ़लातून" | रेमो फर्नांडिस | 6:56 |
2. | "पोस्टर लगवा दो बाज़ार में" | ललित सेन, श्वेता शेट्टी | 6:03 |
3. | "ओये ओये तेरी से लड़की" | उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | 4:57 |
4. | "उई माँ उई माँ मर गई रे" | अनुराधा पौडवाल, अभिजीत | 5:36 |
5. | "वी लव वी लव रॉकी" | विनोद राठौड़ | 5:54 |
6. | "तू मांगे दिल मैं दे दूँ जान" | हरिहरन, के एस चित्रा | 5:41 |
7. | "पोस्टर लगवा दो बाज़ार में" | ललित सेन | 6:03 |
8. | "गोरी चोरी चोरी" | अलीशा चेनॉय | 5:54 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "पर्दे पर खुद से भिड़े ये सितारे, एक ही फिल्म में बने हीरो और विलेन". NewsBytes. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2024.