हज़ारद्वारी महल
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हज़ारद्वारी महल | |
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![]() रात में रोशनी से जगमगाता हज़ारद्वारी महल | |
पूर्व नाम | बड़ा कोठी |
अन्य नाम | निज़ामत क़िला |
सामान्य विवरण | |
वास्तुकला शैली | इतालवी और यूनानी (डोरिक) शैली में उन्नीसवीं सदी में निर्मित महल |
स्थान | मुर्शिदाबाद जिला |
राष्ट्र | भारत |
निर्देशांक | 24°11′11″N 88°16′08″E / 24.186409°N 88.268755°E |
आधारशिला | 9 अगस्त, 1829 |
निर्माण सम्पन्न | दिसम्बर, 1837 |
लागत |
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स्वामित्व | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और पश्चिम बंगाल सरकार |
ऊँचाई | 80 फुट |
प्राविधिक विवरण | |
अन्य आयाम | लम्बाई: 130 मीटर और चौड़ाई: 61 मीटर |
गृहमूल | 3 |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | कर्नल डंकन मैक्लॉड |
हज़ारद्वारी महल, हजारद्वारी महल या सिर्फ हज़ारद्वारी (बांग्ला:হাজারদুয়ারি; हाजारदूयारी), जिसे पहले 'बड़ा कोठी'[1] के नाम से जाना जाता था, भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के किला निज़ामात के परिसर में स्थित है। इसका निर्माण उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के नवाब नाजीम हुमायूं जेह (1824-1838) के शासनकाल के दौरान, वास्तुकार डंकन मैक्लॉड द्वारा किया गया था।
महल का आधारशिला 9 अगस्त 1829 को रखी गई थी, और उसी दिन निर्माण कार्य भी शुरू किया गया था। विलियम कैवेन्डिश तब तत्कालीन गवर्नर जनरल थे अब, हज़ारद्वारी महल मुर्शिदाबाद शहर में सबसे विशिष्ट इमारत है। 1985 में, बेहतर संरक्षण के लिए इस महल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सौंप दिया गया था।[2][3]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "History of Murshidabad". अभिगमन तिथि March 28, 2012.
- ↑ Palace handed ovet to ASI
- ↑ Handed over to ASI