लॉर्ड विलियम बैन्टिक
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लॉर्ड विलियम बैन्टिक | |
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जन्म |
14 सितंबर 1774 बकिंघमशायर[1] |
मृत्यु |
17 जून 1839 ![]() पैरिस ![]() |
नागरिकता |
ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम, ग्रेट ब्रिटेन राजशाही ![]() |
व्यवसाय |
राजनीतिज्ञ, राजनियक दूत, सेना कर्मचारी, क्रिकेटर, सैन्य अफसर ![]() |
पदवी |
भारत के गवर्नर जनरल ![]() |
लॉर्ड विलियम बैन्टिक भारत के गवर्नर जनरल रहे थे। ये भारत के गवर्नर जनरल थे लॉर्ड विलियम बेंटिक 1828-1835 तक भारत में शासन किया । इनकेे द्वारा सामाजिक सुधार ,शैक्षणिक सुधार ,वित्तीय सुधार ,सरकारी सेवा मैंंं सुधार , के अनेक प्रयास किए गए ।
सामाजिक सुधार- 1829 मे सती प्रथा पर राजा राममोहन राय की सहायता से पूर्णता प्रतिबंध कर दिया।
1830 में ठगी प्रथा पर प्रतिबंध लगाया गया
शैक्षणिक सुधार -लार्ड मैकाले की अध्यक्षता में एक मैकाले आयोग 1835 बनाया गया इस आयोग ने अपनी शिक्षा की सिफारिश में अंग्रेजी को बताया।
1835 में कोलकाता मेडिकल कॉलेज की स्थापना किया गया।
सरकारी सुधार- 1833 में चार्टर एक्ट पारित किया गया इस एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया।
इस एक्ट के द्वारा कंपनी में कर्मचारी की नियुक्ति करने के लिए सिविल सेवक के लिए योग्यता को आधार बनाया गया।
सन्दर्भ[संपादित करें]
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