सोलंकी वंश
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(सोलंकी राजवंश से अनुप्रेषित)
सोलंकी वंश का अधिकार पाटन और काठियावाड़ राज्यों तक था। ये ९वीं शताब्दी से १३वीं शताब्दी तक शासन करते रहे। इन्हें गुजरात का चालुक्य भी कहा जाता था। यह लोग मूलत: अग्निवंश व्रात्य क्षत्रिय हैं और दक्षिणापथ के हैं परन्तु जैन मुनियों के प्रभाव से यह लोग जैन संप्रदाय में जुड़ गए। उसके पश्चात भारत सम्राट अशोकवर्धन मौर्य के समय में कान्य कुब्ज के ब्राह्मणो ने ईन्हे पून: वैदिकों में सम्मिलित किया(अर्बुद प्रादुर्भूत)।।[1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ N. Raghav (2001). History of India. Atlantic Publishers & Distri. p. 146. ISBN 978-81-7156-928-1. 2 मई 2016 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 13 अप्रैल 2016.
Vincent Arthur A.S.Sharma and M.M.Vishvanath also endorsed the view that Chalukyas were a branch of famous Kshatriya Rajput
सोलंकी एक राजपूत राजवंश था जो गुजरात,मध्यप्रदेश,राजस्थान में शासनरत था । आज के समय में सोलंकी राजपूत भारत में निवास करते हैं।