सुबल सिंह

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सुबल सिंह
Subal Singh
10 जून 1728 से 8 जनवरी 1770

चुआड़ विद्रोह के प्रथम शहीद
जन्मस्थल : कुइलापाल, बंगाल (अब पुरुलिया जिला, पश्चिम बंगाल)
मृत्युस्थल: बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब पश्चिम बंगाल)
आन्दोलन: चुआड़ विद्रोह
राष्ट्रीयता: भारतीय


सुबल सिंह (10 जून 1728—8 जनवरी 1770) भारतीय क्रांतिकारी और चुआड़ विद्रोह के प्रमुख विद्रोही थे। उन्होंने 1769 में बंगाल प्रेसीडेंसी में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया था। सुबल सिंह चुआड़ विद्रोह के प्रथम शहीद कहे जाते हैं।[1][2][3]

विद्रोह[संपादित करें]

सुबल सिंह जंगल महल के कुईलापाल परगना के जागीरदार थे। 1765 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार बंगाल के जंगल महल जिले में राजस्व एकत्र करना शुरू किया और पूराने जमीनदारों को हटाकर नए जमीनदारों को नियुक्त किया। इसके विरोध में ब्रिटिश कंपनी के खिलाफ सर्वप्रथम विद्रोह हुआ, जिसे चुआड़ विद्रोह या भूमिज विद्रोह कहते हैं। हटाए गए जमीनदारों में धालभूम, बड़ाभूम, मानभूम, मिदनापुर, झाड़ग्राम, रायपुर, आमेयपुर, पंचेत आदि जमीनदार प्रमुख थे।[4]

1768 में धालभूम में जब ब्रिटिश सेना राजा जगन्नाथ धल को बंदी बनाने पहुंची, तब दामपाड़ा के सरदार जगन्नाथ पातर के नेतृत्व में पहला विद्रोह हुआ, जिसमें चाकुलिया और कोकपाड़ा के भूमिज जमीनदार, पाइक और किसानों विद्रोह किया। 1769 में एक बार फिर 5000 भूमिज (चुआड़) लोगों ने सुबल सिंह, जगन्नाथ पातर और श्याम गुंजम सिंह के नेतृत्व में बडा़भूम और धालभूम में जोरदार विद्रोह किया।[5][6][7] इसके पश्चात ब्रिटिश सरकार विद्रोह के दमन हेतु कैप्टन गुडयार को भेजा गया।[8] जनवरी 1770 में लेफ्टिनेंट नन को सुबल सिंह को पकड़कर तुरंत फांसी देने का आदेश दिया।[9] बाद में यह विद्रोह अन्य भूमिज जमींदारों, सरदारों के नेतृत्व में 1833 तक चला।

8 जनवरी 1770 को सुबल सिंह को बंदी बनाकर फांसी दी गई। सुबल सिंह भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रथम विद्रोह 'चुआड़ विद्रोह' के प्रथम शहीद थे।[10]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Pen, A. Writing (2022-04-24). "Role of Tribal Communities in India's Fight for Independence". International Journal of Research (IJR) (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-01-10.
  2. Saha, Sheela; Saha, D. N. (2004). The Company Rule in India: Some Regional Aspects (अंग्रेज़ी में). Kalpaz Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7835-251-0.
  3. Dāsa, Narendranātha (1956). History of Midnapore (अंग्रेज़ी में). G. Das.
  4. Das, Binod Sankar (1984). Changing Profile of the Frontier Bengal, 1751-1833 (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications.
  5. Bengal (India), West (1985). West Bengal District Gazetteers: Puruliya (अंग्रेज़ी में). State editor, West Bengal District Gazetteers.
  6. India's Struggle for Freedom: Role of Associated Movements (अंग्रेज़ी में). Agam Prakashan. 1985.
  7. Chaudhuri, Sashi Bhusan (1955). Civil Disturbances During the British Rule in India, 1765-1857 (अंग्रेज़ी में). World Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-598-57785-6.
  8. Das, Binod Sankar (1973). Civil Rebellion in the Frontier Bengal, 1760-1805 (अंग्रेज़ी में). Punthi Pustak.
  9. Society, Bihar Research (1960). The Journal of the Bihar Research Society (अंग्रेज़ी में).
  10. "मुदासाई चौक का नामकरण, शहीद सुबल सिंह भूमिज चौक हुआ". Hindustan (hindi में). अभिगमन तिथि 2023-01-10.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)