साँचा वार्ता:राष्ट्रीय व्यक्तीकरण

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

हटाने से बेहतर है कि कोई इस सांचे का अच्छा हिन्दी अनुवाद कर दे। सांचा तो उपयोगी लग रहा है।-- अनुनाद सिंहवार्ता 03:47, 23 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]

अनुदान जी, अनुवाद तो कर दें परन्तु इन लाल-लिन्को से सम्बन्धित हिन्दी विकिपीडिया पे लेख भी तो होने चाहिए। आप बताये कोई रास्ता।<><  Bill william comptonTalk 13:18, 27 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]
सुझाव यह है कि प्रबंधक ऐसे पृष्ठों पर कठोर ना हों जो वैन्डलिज़म के दायरे में नहीं आते हैं। इस पृष्ठ को ही ले लें, इसमें अंग्रेजी पाठ भरे पड़े हैं, अनिर्मित लेख की कड़ियाँ भी हैं, पर लेख की सोच बुरी नहीं है, यह लेख वैन्डलिज़म नहीं है, इससे किसी का अपमान नहीं होता या बिना मतलब के इसमें कचड़ा नहीं भरा है, इससे विकि की गुणवत्ता भले ही कम होती हो पर बदनामी या नुकसान नहीं होता। ऐसे पृष्ठों पर कोई साँचा या श्रेणी लगाकर इनकी सफाई की जा सकती है, इन्हें सुधारा जा सकता है। लोग कम हैं तो इसमें समय भी लग सकता है। उसी तरह एक पंक्ति के लेखों को प्रबंधक/अन्य सदस्य फटाफट हटाए जा रहे हैं, मैंने इसके लिए आशू जी को लिखा भी था। मैं तो कहूँगा कि शुरूआत एक पंक्ति से ही होती है, बस दिशा सही होनी चाहिए। non-vandalism वाले लेखों को नहीं हटाना चाहिए, उन्हें संजो कर रखें ताकि उनका विकास समय आने पर हो सके। -- सौरभ भारती (वार्ता) 14:56, 27 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]
बिल जी, मेरे विचार से हमे लाल लिंकों से इतना नहीं डरना चाहिये। लाल लिंक समय के साथ नीले भी हो जायेंगे, ऐसी आशा करें। किन्तु शुरुआत तो करना ही चाहिये, भले ही लाल लिंक रहें। -- अनुनाद सिंहवार्ता 15:11, 27 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]
सौरभ जी, आपका सुझाव उत्तम है परन्तु इस साँचे को सफाई की नहीं अपितु लेखों की आवश्यकता है। अगर आप और अनुदान जी सहयोग दें तो मैं इन लाल-लिन्को के तत्स्थानी लेख बना सकता हूँ। आपसी सहयोग से ही हिन्दी विकिपीडिया का विकास संभव है। वर्तमान रूप में यह साँचा किसी काम का नहीं क्योंकि इसका आकार समान्य साँचो से बहुत बड़ा है, मैं इसका पुनः निर्माण कर देता हूँ उसके बाद इन लिन्को के लेख बना सकते हैं। आशा है आप सहयोग देने के लिए आगे आएंगे, धन्यवाद।<><  Bill william comptonTalk 15:25, 27 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]
बिल्कुल करेंगे, और कर ही रहे हैं। और आशा है आगे भी करते रहेगें। -- सौरभ भारती (वार्ता) 07:42, 28 जनवरी 2012 (UTC)[उत्तर दें]