सरिय्या अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह
सरिय्या अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह | |||||||
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मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ का भाग | |||||||
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सेनानायक | |||||||
अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह | अनजान | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
40 | कोई भी नहीं। | ||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||
1 कब्जा कर लिया[1][2][3] | 1 captured |
सरिय्या अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह या बनू सालबा पर दूसरा धावा (अंग्रेज़ी: Second raid on Banu Thalabah एक प्रारंभिक इस्लामी अभियान था जो अगस्त 627 में इस्लामिक कैलेंडर के 6हिजरी के चौथे महीने में हुआ था। इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद द्वारा साथी (सहाबा) मुहम्मद बिन मसलमा रज़ि० के नेतृत्व में बनू सालबा जनजाति पर पहला हमला विफल रहा, मसलमा रज़ि० के साथियों की शहादत के बाद रबीउल आखिर 06 हि० ही में नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत अबू उबैदाह इब्न अल-जर्राह रजि० को जुलक़िस्सा की ओर रवाना फ़रमाया। उन्होंने चालीस व्यक्तिों को लेकर सहाबा किराम रजि० की शहादतगाह का रुख किया और रात भर पैदल सफर कर के बहुत सवेरे बनू सालवा के इलाके में पहुंचते ही छापा मार दिया, लेकिन लेकिन वे जल्दी से पहाड़ों पर भाग गए। मुसलमानों ने उनके मवेशी, कपड़े ले लिए और एक आदमी को पकड़ लिया। पकड़े गए आदमी ने इस्लाम कबूल कर लिया और मुहम्मद ने उसे रिहा कर दिया। [1] [4]
सराया और ग़ज़वात
[संपादित करें]अरबी शब्द ग़ज़वा [5] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया, इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह(सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[6] [7]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- सरिय्या मुहम्मद बिन मसलमा (क़रता)
- सरिय्या उकाशा बिन मुहसिन
- ख़ालिद बिन वलीद
- मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ
- मुहम्मद के अभियानों की सूची
- ग़ज़वा ए दूमतुल जन्दल
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ Mubarakpuri, Saifur Rahman Al (2005), The Sealed Nectar, Darussalam Publications, पृ॰ 205, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9798694145923[मृत कड़ियाँ]
- ↑ Hawarey, Mosab (2010). The Journey of Prophecy; Days of Peace and War (Arabic). Islamic Book Trust. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789957051648.Note: Book contains a list of battles of Muhammad in Arabic, English translation available here
- ↑ Tabari, Al (25 Sep 1990), The last years of the Prophet (translated by Isma'il Qurban Husayn), State University of New York Press, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780887066917
- ↑ सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "सरिय्या ज़ुल क़िस्सा -2". पृ॰ 646. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
- ↑ ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Ar Raheeq Al Makhtum – The Sealed Nectar ( Biography Of The Noble Prophet)
- अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक), हिंदी (Pdf)