समुच्चय (गणित)
समुच्चय या कुलक (set) सुपरिभाषित समूह अथवा संग्रह को कहते हैं। परिभाषा के रूप में वस्तुओं के उस समूह अथवा समाहार को समुच्चय कहते हैं जिसमें सम्मिलित प्रत्येक वस्तु किसी गुण विशेष को संतुष्ट करती हो जिसके आधार पर स्पष्ट रूप से यह बताया जा सके कि अमुक वस्तु उस संग्रह में सम्मिलित है अथवा नहीं है।[1]
आसान शब्दों में कहा जाये तो कुछ को भी किसी समूह या श्रेणी के रूप में रखा गया हो उसे सेट या समुच्चय कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि किसी शाला में पहली से पाँचवीं तक कक्षाएं हों, तो उसमें विद्यार्थियों को उनके कक्षा के अनुसार समुच्चय या सेट के रूप में कहा जा सकता है।
इसे एक और उदाहरण द्वारा भी समझा जा सकता है। जैसे आपके पास कोई बैग है, जिसमें आपने 10 आम रखें हैं, तो उसे आप 10 आम का सेट या समुच्चय कह सकते हैं। इस तरह यदि कोई बैग खाली हो तो उसे रिक्त समुच्चय या सेट कहा जाएगा।
रिक्त समुच्चय
[संपादित करें]रिक्त समुच्चय empty set (या शून्य समुच्चय null set) एक विशेष समूह होता है, जिसमें कोई भी नहीं होता है। इसे ∅ या या ϕ[2] (या ϕ) चिह्न के साथ दिखाया जाता है।[3]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- समुच्चय संकेतन
- रिक्त समुच्चय एवं शून्य समुच्चय
- परिमित समुच्चय और अपरिमित समुच्चय
- उपसमुच्चय
- समुच्चयों का संघ
- सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त)
- वेन आरेख
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ शीलवंत सिंह (2011). सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा. टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन. पृ॰ 54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071074810.
- ↑ Aggarwal, M.L. (2021). "1. Sets". Understanding ISC Mathematics Class XI. 1. Arya Publications (Avichal Publishing Company). पृ॰ A=3.
- ↑ Sourendra Nath, De (January 2015). "Unit-1 Sets and Functions: 1. Set Theory". Chhaya Ganit (Ekadash Shreni). Scholar Books Pvt. Ltd. पृ॰ 5.