समुच्चय (गणित)
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'समुच्चय या कुलक (set) सुपरिभाषित समूह अथवा संग्रह को कहते हैं। परिभाषा के रूप में वस्तुओं के उस समूह अथवा समाहार को समुच्चय कहते हैं जिसमें सम्मिलित प्रत्येक वस्तु किसी गुण विशेष को संतुष्ट करती हो जिसके आधार पर स्पष्ट रूप से यह बताया जा सके कि अमुक वस्तु उस संग्रह में सम्मिलित है अथवा नहीं है।[1]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- समुच्चय संकेतन
- रिक्त समुच्चय एवं शून्य समुच्चय
- परिमित समुच्चय और अपरिमित समुच्चय
- उपसमुच्चय
- समुच्चयों का संघ
- सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त)
- वेन आरेख
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ शीलवंत सिंह (2011). सिविल सेवा प्रारम्भिक परिक्षा. टाटा मैकग्रा - हिल एजुकेशन. पृ॰ 54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780071074810.