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सफ़ेद कोह

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अफ़्ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रान्त के ख़ोगयानी ज़िले से दक्षिण में स्थित सफ़ेद कोह पर्वतों का नज़ारा

सफ़ेद कोह (ur, Safed Koh), जिन्हें पश्तो में स्पीन ग़र (ur) कहते हैं और जिन्हें १९वीं सदी तक हिन्दुस्तानी पर्वत (Indian Caucasus) भी कहा जाता था, पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के पश्चिमोत्तरी संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र के ख़ैबर और कुर्रम विभागों में स्थित एक पर्वत शृंखला है। हिन्दु कुश पर्वतों की इस उपशाखा का सबसे बुलंद शिखर ४,७६१ मीटर (१५,६२० फ़ुट) ऊँचा सिकराम पर्वत (Sikaram) है।[1] विश्व प्रसिद्ध ख़ैबर दर्रा, जिसकी भारतीय इतिहास में बहुत बड़ी भूमिका रही है, इसी शृंखला का एक दर्रा है। सफ़ेद कोह की निचली पहाड़ियाँ ज़्यादातर बंजर और वृक्ष-रहित हैं लेकिन मुख्य पहाड़ों पर देवदार और चीड़ (पाइन) उगते हैं, हालांकि अफ़्ग़ान गृह युद्ध में इन वनों को बहुत नुक़सान पहुँचा है।

पश्तो नाम

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सफ़ेद कोह का पश्तो नाम 'स्पीन ग़र' (ur) है। क्योंकि संस्कृत और पश्तो दोनों हिन्द-ईरानी भाषाएँ हैं इसलिए इनमें बहुत से मिलते-जुलते सजातीय शब्द हैं। पश्तो का 'ग़र' (ur) शब्द संस्कृत के 'गिरि' शब्द का सजातीय है और दोनों का अर्थ 'पहाड़' है। 'स्पीन' का अर्थ 'श्वेत'/'सफ़ेद' होता है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Proceedings of the Asiatic Society of Bengal, Asiatic Society of Bengal, The Society, 1879, ... the summit of Sikaram the highest peak (15,620 feet) of the range ...