सदस्य वार्ता:Vikash Kumar Kumar Thakur
प्रस्तावना
Vikash Kumar Kumar Thakur जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,10,616 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 14:09, 16 अप्रैल 2018 (UTC)
भारत में दुष्कर्म की घटना[संपादित करें]
भारत में दुष्कर्म की घटना बहुत ही सामान्य हो गई है जो कि बहुत ही खराब बात है भारत में हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म की घटना होती है यह बात दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताती है जिस देश में हर घंटे दुष्कर्म की चार घटनाएं होती है और महिलाओं के विरुद्ध और स्तन उनचालीस अपराध घटित होते हो क्या उसे अपनी अन्य उपलब्धियों पर गर्व करने का नैतिक अधिकार है अदालतों में बेशुमार पीड़ित इंसाफ के इंतजार में है जिनमें बच्चों की तादाद बहुत ज्यादा है कागजों पर कानून तो है सुरक्षा और जांच के लिए जवाबदेह पुलिस प्रति लापरवाह है या फिर अक्सर वह अपराधियों के बचाव में खड़ी दिखती है आलम यह है कि वकील से लेकर मंत्री विधायक और नेता पीड़ितों के पक्ष में खड़े होने के बजाए बलात्कारियों का साथ देने लगे हैं बहुत से नेताओं इस में सम्मिलिता आ पाई गई है भारत में वर्तमान में बहुत सी जगहों पर ऐसी घटनाएं हुई है मेरा एक प्रश्न है क्या यह भयानक सिलसिला बदस्तूर चलता रहेगा या फिर समाज और सरकार की चिंता में कोख से कफन तक महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता मिलेगी इन सवालों के कटघरे में हम सब खड़े हैं क्योंकि समाज में बदलाव हम लोगों के द्वारा ही आएगी जहां बच्चियों महिलाओं की चीख कराएं और शक्तियां हमारे खिलाफ गवाही दे रही है। Vikash Kumar Kumar Thakur (वार्ता) 14:20, 16 अप्रैल 2018 (UTC)