सदस्य वार्ता:Reetabhuiyar
विषय जोड़ें
प्रस्तावना
Reetabhuiyar जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,13,608 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
|
विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
| |
(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 08:55, 18 फ़रवरी 2020 (UTC)
कबीर जयंती[संपादित करें]
कबीरदास ने उस समय आन्दोलन किया जब धार्मिक जातिवाद कट्टरता चर्म सीमा पर थी, कबीरदास ने पाखण्डवाद, कर्मकाण्ड और चमत्कार के विरोध में आन्दोलन किया, लेकिन वर्तमान में कबीरदास को मानने वालों व्यक्तियों ने कबीर को ही चमत्कार में विलीन कर दिया, कबीर ने कभी किसी (जीव) पशु पक्षी व्यक्ति धर्म जाति रंग भाषा से भेद नहीं किया, उन्होंने हमेशा सभी को समान दृष्टि से देखा, सभी के कल्याण की बात की, उन्होंने अपने विचारों को अपनी वाणी में दोहों के माध्यम से बताया है, एक राम दशरथ घर खेले, एक राम घट घट में बोले, एक राम का जगत पसारा, एक राम है सबसे न्यारा,
जो तू सच्चा बनिए, सबसे एक सा बोल, ऊंच नीच को छोड़कर एक बराबर बोल,
ऊंचे पद के कारण तू मानवता भूल रहा, जब तन मिट्टी हो जायेगा, तो तेरे पद का होगा क्या, आदि अनेक दोहे का उल्लेख किया कबीर का विचार मानव कल्याण के लिए ही नहीं बल्कि, सभी (जीव) पशु पक्षी मानव कल्याण के लिए है
उन्होंने कभी किसी से धर्म जाति रंग भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया, यदि हम कबीर को अपना आदर्श मानते है तो हम किसी से धर्म जाति रंग भाषा ऊंच नीच अमीर गरीब के नाम पर किसी से भेद भाव नहीं कर सकते है
कबीर जन्म उत्सव 14जून2022को पूरे संसार में घर घर मनाया जा रहा है
- एक_कदम_संविधान_की_ओर
Reeta Bhuiyar जिला बिजनौर उप्र भारत Reetabhuiyar (वार्ता) 09:42, 13 जून 2022 (UTC)