सामग्री पर जाएँ

सदस्य वार्ता:Jadeja rajendra ding g

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
विषय जोड़ें
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
स्वागत!  नमस्कार Jadeja rajendra ding g जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 04:33, 10 मई 2019 (UTC)उत्तर दें

चन्द्रवंश समा जाडेजा[संपादित करें]

भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की शादी शोणितपुर इजिप्त मिश्र प्रदेश के राजा बाणासुर की बेटी ओखा के साथ हुवा था द्वारिका के नाश के बाद वज्रनाभ बच गया था जिसको अर्जुन ने इन्द्रप्रस्थ का राजा बनाया था जिसका जिक्र महाभारत में है इस का बेटा राजा प्रतिबाहु जिसकी 77 वा वंशज ने मिश्र में राज किया जिसका कोई आधार नही है ईसा 600 या 700 में इजिप्त में राजा देवेन्द्र के वक़्त इस्लाम का फैलाव हो रहा था तब किसी युद्धमे हारने के कारण या अन्य किसी कारण वश ये वहां से निकले होंगे राजा देवेंद्र के 4 बेटे थे 1 असप्त 2 गजपत 3 भूपत 4 ओर नरपत ये चारों ओसमन के डूंगर पे आये और आकाशवाणी हुई और माताजी ऑसम ने चारों को राजा बननेका आशीर्वाद दिया राजा देवेंद्र के बड़े बेटे असप्त ने इस्लाम कबूल करलिया उसके वंशज मोगल कहलाये गजपत के चुडासमा राजपूत बने और भूपत के भाटी जैसलमेर राजा देवेंद्र के तीसरे बेटे जाम नरपत से पूरा इतिहास है नरपत ने गिजनी के बादशाह फिरोज को मारके अपना राज्य बनाया और जाम नरपत बन गया यही से जाडेजा वंश की सुरुआत हुए फिरोज का बेटा सुल्तान शाह उस वक्त काबुल में था उसने अपने बाप का बदला लेने के लिये भटक रहा था और वो रोम के बादशाह के पास पहोच गया वहा से बड़ा लश्कर लेके आया और युद्धमे नरपत हार गये ओर उन्होंने गिजनी को छोड़ दिया और भटकते भटकते वर्षों के बाद किंजलगढ़ में अपना राज्य बनाया उसके बाद सामपत ऊर्फ़े समाजी ने राज सँभाला यही से समा वंश की सुरुवात हुई 750 से 756 बादमे जेहाजी 757 से 831 नेताजी 831 से 855 न्यौतार 855 से 870 ओढ़ार 881 से 898 राहुजी 898 से 918 सियाणकोट जाम औढार 918 से 931 अबडाजी 931 से 942 जाम लखियार 942 से 956 जाम लाखो धुरारो 956 से 986 नगरसमे सिंध जाम उन्नड 986 से 991 जाम समाजी 991 से 1041 जाम काकुजी 1041 से 1062 जाम रायधण 1062 से 1092 जाम पलीजि 1092 से 1112 जाम साघभड़जी 1112 से 1182 जाम जदाजी 1182 से 1203 जाम लाखाजी यहा से जाडेजा बन गये 1203 से 1231 रायधणजी 1231 से 1271ये रायधलजी पृथ्वीराज चौहान के सम कालीन थे पृथ्वीराज के बारोट चन्द्र ने जिस यादव का जिक्र पृथ्वीराज रासो में किया ये वही है ये समावंश का इतिहास है जो कच्छ के ओर जामनगर के इतिहासकार ने लिखे है जिसको वंश के बारोट ने कड़ी से कड़ी जोड़के सुरक्षित रखा है ये ही बातें चन्द्रवंश ओर कच्छकलाधर ओर नवानगर जैसे पुस्तको में है चन्द्रवंशी राजपूतो का इतिहास हरिलाल उपाध्याय ओर दुलराय करणी ओर जाडेजा वंश के इतिहासकार ने लिखा है इसी वंश पे राजपूत जाडेजा श्री भरतसिंह मंगलसिंह जाडेजा भद्रेश्वर ने हमारे पूर्वेज हाला वीर मेरामन के नाम का इतिहास भी लिखा है जिसमे समा वंश की पूरी माहिती लिखी है जाडेजा ओको बहादुरी की बाते सोराष्ट के लेखक जवेरचंद मेधानी ने भी लिखी है जाडेजा ओने भगवान श्री कृष्ण के बाद सिंध से कच्छ ओर नवानगर तक अपना राज्य स्थापित किया है Jadeja rajendra ding g (वार्ता) 17:38, 14 मई 2019 (UTC)उत्तर दें