सदस्य वार्ता:Dharmendar singh Gurjar
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प्रस्तावना
Dharmendar singh Gurjar जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,11,328 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 09:42, 21 दिसम्बर 2017 (UTC)
जीवन का सच[संपादित करें]
जीवन एक परिहास्य है, जीवन को समझ पाना इतना कठिन है जितना कि मकड़ी के जाल की शुरुआत ढूंढना जब हम हमारी जिंदगी के बारे में विचार करते हैं तो हमें प्राथमिक रूप से यही नजर आता है कि जीवन में खेलना कूदना और मौज मस्ती करना ही जीवन है थोड़ी उम्र का तकाजा हमें यह सिखलाता है की धनोपार्जन कर सुख पाना ही जीवन है कुछ परिस्थितियों में सम्मान प्रतिष्ठा जीवन का एक रूप धारण करती हैं मनुष्य जीवन भर उपरोक्त कारणों पर निर्भर रहकर अपने जीवन के अंतिम दौर की यात्रा कर इस संसार से निकल जाता है पर क्या नहीं लगता कि कुछ अधूरा है इस अधूरे पन मे ही जिंदगी है आधुनिक मानव विकास की सीमाओं में निरंतर वृद्धि करता जा रहा है अन्य ग्रहों पर अपने निवास स्थान बनाने के प्रयास मैं दिन-रात जुड़ा हुआ है मैं इस आधुनिक मानव के विकास की गति का सम्मान करता हूं मैं उसके विकास की योग्यता को बड़े पुरस्कार का भाग्य समझता हूं पर एक सवाल जो मैं इस आधुनिक मानव से पूछना चाहता हूं क्या उसकी सफलता में जीवन छिपा है या फिर आगे भी यह संघर्ष जारी रहेगा इस संघर्ष का अंतिम बिंदु क्या होगा इसको कैसे पाना है आधुनिक मानव के दिमाग से परे नहीं लगता। अब तक के संवाद में आप शायद विचारों के दोराहे पर खड़े हैं आपको लगता है कि कुछ करना भी बेहतर नहीं है तो कुछ ना करना भी बेहतर नही है।दोराहे की जिंदगी के बीच में जीवन पीसकर दूरी अवस्था धारण कर लेता है पर जीवन का असली मकसद पूरे जीवन भर नहीं निकल पाता है आओ इसे उदाहरण से समझते हैं एक विरल रेगिस्तान के मध्य में एक प्यासा व्यक्ति जो चलकर रेगिस्तान पार नहीं कर सकता रुक कर अपनी मौत का इंतजार नहीं कर सकता क्या रास्ता है उसके पास दोनों ही तरह से मौत निश्चित है जीने का कोई रास्ता है क्या ईश्वर को उसके प्राणों की रक्षा के लिए कुछ करना चाहिए इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है पर यदि इसका जवाब," हा "मान लिया जाए तो उस विरल रेगिस्तान में ऐसे जीव जो रात्रि में जन्म लेते हैं सुबह बेहद गर्म वातावरण में अपने प्राणों को त्याग देते हैं उनके लिए भी ईश्वर को ऐसा ही करना आवश्यक लगता है यदि नहीं तो जीवन कि आपके शब्दों में क्या परिभाषा है? Dharmendar singh Gurjar (वार्ता) 09:27, 2 अप्रैल 2018 (UTC)
जीवन की सच्चाई पृष्ठ का हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकन[संपादित करें]
नमस्कार, जीवन की सच्चाई को विकिपीडिया पर पृष्ठ हटाने की नीति के अंतर्गत हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकित किया गया है। इस बारे में चर्चा विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/जीवन की सच्चाई पर हो रही है। इस चर्चा में भाग लेने के लिये आपका स्वागत है।
नामांकनकर्ता ने नामांकन करते समय निम्न कारण प्रदान किया है:
कृपया इस नामांकन का उत्तर चर्चा पृष्ठ पर ही दें।
चर्चा के दौरान आप पृष्ठ में सुधार कर सकते हैं ताकि वह विकिपीडिया की नीतियों पर खरा उतरे। परंतु जब तक चर्चा जारी है, कृपया पृष्ठ से नामांकन साँचा ना हटाएँ।सायबॉर्ग (वार्ता) 05:48, 4 अप्रैल 2018 (UTC)