सदस्य वार्ता:Bharatk425

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
विषय जोड़ें
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
Latest comment: 4 वर्ष पहले by Bharatk425 in topic Anirudhh Maharaj
स्वागत!  नमस्कार Bharatk425 जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 13:28, 29 सितंबर 2017 (UTC)उत्तर दें

गाव छिरारी[संपादित करें]

छिरारी गाँव की भोगोलिक स्थिति रहली तहसील से पूर्व में १२किलो मी. दूरी पर है यह जबलपुर मार्ग में है , यहाँ कई साल पुराने क़िले आज भी उपलब्ध है ४ तालाबों से गिरा हुआ गाँव बहुत ही मनमोहक द्र्श्य देता है पीने के पानी हेतु २ टाँकीं उपलब्ध है पास में ही कोपरा नदी बहती है जो सोनभद्र से जा कर मिलती है . ६मंदिरो से सुशोभित यह गाव बहुत प्यारा लगता है Bharatk425 (वार्ता) 09:14, 10 अगस्त 2019 (UTC)उत्तर दें

Anirudhh Maharaj[संपादित करें]

परम पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्यप्रदेश के शहर में, भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की को त्रियोदशी तिथि को दिन बुधवार को मां नर्मदा के किनारे पर स्थित विष्णु वराह भगवान की नगरी से मात्र 9 किमी की दूरी पर रिंवझा नामक में हुआ था | बाल्यकाल से ही महाराज श्री अपने गांव के ही श्री राधा कृष्ण मंदिर पर नित्य जाकर ठाकुर जी की सेवा पूजा में लगे रहते थे || और अपने पारंपरिक गौ भक्त परिवार होने के कारण गौ माता की सेवा करने में आनंदित होते थे | गौ माता के बछड़ों के साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था | जब महाराज श्री गाय चराने जाते तो अपने साथ श्री हनुमान चालीसा और गीता ले जाते थे और नित्य प्रति सस्वर पाठ किया करते थे || और अपने सहपाठियों से भी पाठ करवाया करते थे | इस प्रकार बचपन से ही सेवा और धार्मिक ग्रंथों में रुचि होने के कारण महाराज श्री को श्री धाम वृन्दावन में ठाकुर की कृपा से वेद पुराण और शास्त्रों का अध्यन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | अपनी अल्पायु में ही महाराज श्री ने बहुत कम समय में शास्त्रों को कंठष्थ कर लिया | महाराज श्री की दीक्षा श्री धाम वृन्दावन में ही रामानुजाचार्य सम्प्रदाय से ही ठाकुर जी के परम कृपा पात्र परम तपस्वी और तेजस्वी गृहस्थी संत श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज श्री से प्राप्त हुई | साथ ही महाराज श्री जी ने अयोध्या से श्री राम कथा का अध्ययन अंजनी गुफा वाले गुरु से प्राप्त हुआ | और तत्पचात अध्ययन सम्पूर्ण करने के बाद अपनी जन्मभूमि में ही प्रथम बार अपनी वाणी में श्री हनुमान जी महाराज से आशिर्वाद लेने हेतु कथा सुनाई | और फिर उसके बाद श्री हनुमान जी महाराज से आशिर्वाद लेकर समस्त भारत वर्ष में सनातन धर्म की ध्वजा को लहराते हुए प्रचार प्रसार करते हुए लोगों के जीवन की दिशा और दशा को बदलते हुए इस भक्ति पथ पर निकल पड़े | भक्ति पथ के साथ साथ महाराज श्री जी सेवा भी करते रहे और अनेक गरीब , असहाय, ओर जरूरतमंदों का सहारा बनते हुए उनकी कन्यायों की शादी कराकर सच्ची सेवा करते हुए दिनांक 23 जनवरी 2016 को श्री गौ गौरी गोपाल सेवा संस्थान समिति की नींव महू इंदौर मध्यप्रदेश में रखी दी गयी | और इस प्रकार सेवा भक्ति के चलते श्री धाम वृन्दावन में वृद्धजनों के आश्रय , और उनकी सेवा के लिए दिनांक 16 मई 2019 को “गौरी गोपाल आश्रम” की नींव महाराज श्री द्वारा उनके गुरुजी के करकमलों द्वारा एवं सैकड़ों भक्तों के सानिध्य में रखी गयी | पूज्य महाराज श्री अब तक करीब 500 से ज्यादा कथाएं समस्त भारतवर्ष में कर चुके हैं | पूज्य महाराज श्री द्वारा आयोजित प्रत्येक धार्मिक कार्यक्रम वृद्धमाताओं की सेवा के लिए समर्पित होता है |आइये आप ओर हम सब मिलकर इस सेवा सहयोग से जुड़े और दींन दुःखी वृद्धजनों की सेवा करें | Bharatk425 (वार्ता) 10:28, 5 अप्रैल 2020 (UTC)उत्तर दें