सदस्य वार्ता:ANTARRASHTRIYA MANAV ADHIKAR KALYAN TRUST

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Latest comment: 1 वर्ष पहले by मनीष पँवार in topic दिसम्बर 2022
स्वागत!  नमस्कार ANTARRASHTRIYA MANAV ADHIKAR KALYAN TRUST जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 07:42, 8 नवम्बर 2021 (UTC)उत्तर दें

मान, सम्मान प्रत्येक इंसान का जन्म जात अधिकार है[संपादित करें]

अधिकांश लोग पति पत्नी के झगड़े को आपसी मामला समझ कर हस्तक्षेप नहीं करते हैं परंतु जिस व्यवहार का असर किसी एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि समाज और समाज की आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है वह किसी का व्यक्तिगत मामला नहीं हो सकता घरेलू हिंसा किसी महिला का व्यक्तिगत मामला होने के साथ-साथ सामाजिक विकास पर भी प्रभाव डालती है मान सम्मान इंसान का जन्म जात अधिकार है अगर किसी के मान सम्मान का हनन होता है तो हम सभी को उसके खिलाफ आवाज उठाने का हक है यदि आप हिंसा करने वाले को सजा दिलाना चाहते हैं तो कानूनी कार्रवाई हेतु कई दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती है अतः घर छोड़ते वक्त कुछ कागजात अपने पास सुरक्षित रख लें जैसे अपना स्त्रीधन एवं अपने शादी के सबूत जैसे फोटो शादी के कार्ड रजिस्ट्रेशन के कागजात एवं अपना अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र एवं अपना शैक्षिक दस्तावेज आधार कार्ड और वोटर कार्ड और राशन कार्ड और चेक बुक और पासबुक और बीमा पॉलिसी और ड्राइविंग लाइसेंस एवं पासपोर्ट आदि सभी संबंधी दस्तावेज मकान की लीज खरीदने या बेचने संबंधी कागज संपत्ति के दस्तावेज आदि अभियुक्त या उसके संबंधित द्वारा हिंसा से जुड़े दस्तावेज ऐसे f.i.r. या डी आई आर की कॉपी जांच के कागजात और मेडिकल बिल समानता पर आधारित स्वास्थ्य समाज के लिए हर प्रकार की हिंसा को समाप्त करने की जरूरत है कारण चाहे जो हो घरेलू हिंसा को किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता इसलिए। चुप ना रहे विरोध करें 2409:4053:D0F:B626:0:0:E49:4C02 (वार्ता) 03:20, 18 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें

@2409:4053:D0F:B626:0:0:E49:4C02 good 2409:4053:2D19:EBC5:0:0:EC9:C702 (वार्ता) 09:56, 20 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें

सूचना का अधिकार[संपादित करें]

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 : इस अधिकार का उपयोग करते हुए प्रत्येक जन साधारण व्यक्ति अगर उसे किसी कार्यालय में एक कार्य में घोटाला लगता है तो वह ग्रामीण प्रधान से लेकर आला अधिकारी से 30 दिन के अंदर अंदर पूर्ण विवरण मांग सकता है जानकारी ना देने पर अधिकारी को दंडित किया जा सकता है ।यह कानून 12 अक्टूबर 2005 को लागू किया गया है। इस कानून के कार्यों दस्तावेजों का निरीक्षण करने दस्तावेजों अभिलेखों के नोट्स लेने उनकी फोटो कॉपी लेने प्रिंटआउट डेस्कटॉप एप वीडियो कैसेट या अन्य किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सरकार से सूचना प्राप्त करने का अधिकार अब हर नागरिक को है। एवं इस कानून से अब हर आदमी अब सरकार के कामों व नीतियों की निगरानी कर सकता है एवं सूचना पाने के लिए फीस सहित आवेदन मिलने से 30 दिनों के भीतर लोक सूचना अधिकारी को या तो आवेदक को सूचना उपलब्ध करानी होगी या कारण बताते हुए अनुरोध स्वीकार करना होगा इस कानून का सहारा लेकर प्रशासनिक व सार्वजनिक क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है ।इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि सूचना देने में नाकाम रहने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। इस कानून के तहत प्रशासन को पहले से ज्यादा जवाब दे बनना पड़ेगा यह जानकारी अपने नजदीकी एवं समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचने चाहिए जिससे लोग जागरूक हो सके। 2409:4053:D0F:B626:0:0:E49:4C02 (वार्ता) 04:08, 18 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें

@2409:4053:D0F:B626:0:0:E49:4C02 good 2409:4053:2D19:EBC5:0:0:EC9:C702 (वार्ता) 09:57, 20 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें

दिसम्बर 2022[संपादित करें]

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