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सदस्य वार्ता:हेमन्त चौधरी

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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 14:39, 26 मई 2019 (UTC)उत्तर दें

वर्तमान राजनीति का परिदृश्य[संपादित करें]

आज 21 वी सदी में हमारे देश के राजनीतिक हालात जिस प्रकार से दिख रहे है जो भयावह है सत्ता को पाने के लिए नेता जिस प्रकार की भाषा प्रयोग करते है चाहे वो किसी भी पार्टी का हो वो न समाज के लिए सही है न देश के लिए इतनी ओछी राजनीति नेहरू जी के समय नही थी बाद में इंद्रा-राजीव तक आते-आते स्तर गिरता गया और मनमोहन सिंह-मोदी सरकार तक स्तर एक दम गिर गया नेताओ में न बोलने का ढंग है न शिष्टाचार है न शर्म है है तो सिर्फ भ्र्ष्टाचार भर्ष्टाचार भर्ष्टाचार सबका एक ही लक्ष्य रह गया है किसी भी प्रकार से जीत के सत्ता हासिल करले और अपने वंसंजो के लिए धन कमाया जाए चाहे उसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़ जाए और इसकी जिम्मेदार भी जनता है जो ऐसे लोगों को अपना नेता बन लेती है थोड़े से लोभ लालच के खातिर ....नेता उनको कई प्रभोलन देता है तो जनता बहकावे में आकर अपना वोट दे देती है जिसकी बाद मे उनको ही नही पूरे देश को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है ऐसे लोगो के उच्च पदों पर जाने से देश की प्रगति रुक जाती है अपराध को बढ़ावा मिलता है रोजगार के साधन भी सीमित होते जाते है बेरोजगारी के कारण लोग आत्महत्याएं करने लगते है इसलिए जनता को चाइये कि अपना नेता उसी आदमी को चुने जो विकास की बात करे रोजगार के साधन पैदा करने के उपाय बता के वोट मांगे और जीतने पर उन्हें पूरा भी करे जैसा कि वर्तमान मे भारी बहुमत से दुबारा चुनी गई मोदी सरकार मोदीजी ने जनता हितार्थ कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जो धरातल पर भी दिखती है उनमें प्रधानमंत्री आवास योजना;, उज्जवला गैस योजना प्रमुख है मोदीजी ने देश मे पड़े काले धन को खत्म करने के लिए नोटबन्दी की जिससे कम जनता को परेशानी भी हुई लेकिन किसी ने इसका इतना विरोध नही किया हा विपक्षी पार्टियों ने खूब हल्ला किया लेकिन आम जनता ने नही किया लोगो ने मोदीजी के इस साहसपूर्ण कदम का साथ दिया आगे देखते है मोदीजी देश के लिए क्या कमाल करते है! ओछी राजनीति को खत्म करने का एक ही इलाज है ऐसे लोगो को वोट नही दे उनका बहिष्कार करे जो धर्म के नाम पर या जाति के नाम पर गलत बयानबाजी करके पब्लिसिटी हासिल करते है लेखक-हेमन्त चौधरी खुडाला हेमन्त चौधरी (वार्ता) 15:08, 26 मई 2019 (UTC)उत्तर दें

राम मंदिर और वर्तमान हालात[संपादित करें]

राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है उससे पहले ही मुस्लिम पक्ष के सिया समुदाय के लोग अपनी याचिका वापस लेकर ये दर्शाने का प्रयास कर रहे है जैसे - हम न जाने कितने ही बड़े दानी है या हम मंदिर मुद्दे पर अपनी याचिका वापस लेकर न जाने हिन्दू बिरादरी पर कितना ही बड़ा अहसान कर रहे है जबकि ऐसा कुछ नही है कियूंकि सबको पता है सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है जो अनुमानित हिन्दुओ के पक्ष मे ही है इसका कारण भी साफ है दुनिया जानती है उस जगह राम का जन्म हुआ था और उस बात के प्रमाण भी मिलते है लेकिन कुछ लोगो को ये बात हजम नही हो रही कि लुटेरे द्वारा बनाई गई मस्जिद की जगह मंदिर कैसे बन सकता है? उसे वो अपनी हार समझ रहे है जबकि ऐसा कुछ नही है मंदिर-मस्जिद की इस लड़ाई में किसी का फायदा हुआ या न हो लेकिन इकबाल अंसारी जो मुस्लिम पक्षकार है को केस लड़ने के लिए करोड़ो रुपयों का चंदा जरूर मिला हैं और सरकार द्वारा 4 जवानों की सुरक्षा भी मिली है बिना मतलब की उसको चंदे मैं इतना पैसा मिल गया है कि उसकी 7 पीढ़ियों के सुख हो गया लेकिन भोले भाले लोगों को ये नही पता और रही बात मंदिर-मस्जिद की तो कुरान में भी लिखा है जिस जमीन पर लडाई चल रही है वो कभी अल्लाह की इबादतगाह नही बन सकती लेकिन कुछ लोगो को हिन्दुओ की भावनाओ के विपरीत वहाँ मस्जिद चाइये ही मतलब जहाँ बात इनके ऊपर आती है वहाँ ये कुरान को भूल जाते है और बात जब तीन तलाक और हलाला जैसे कुकर्मो पर इन्हें कुरान याद आती है यही मानसिकता इन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है और ठरकी मौलवियों ने तीन तलाक के बहाने कई लड़कियों के साथ हलाला के माध्यम से रास-लीला रचाई थी जो अब मोदी सरकार ने बन्द कर दी कानून बना कर तो इनके लिए अब मोदी भी इस्लाम विरोधी हो गए है मतलब जो इन्हें सुधारने की कोशिश करेगा वो इनकी नजर मे गलत इंसान है हद तो तब हो गयी जब कोई इस्लाम के जनक अल्लाह पर फ़िल्म बनाने की घोषणा करता है तो इन्हें उससे दिक्कत है क्यो? अरे भाई पैसे फिल्मकार के लग रहे है तो दिक्कत आप लोगो को क्यो है? आखिर हर धर्म पर फ़िल्म बनी है और लोगो ने उन्हें पसंद भी किया है तो आप लोग अपने धर्म पर फ़िल्म क्यो नही बनते देखना चाहते? मतलब कुछ ऐसी बाते अल्लाह के बारे मे है जो आप किसी को दिखा नही स्काई किसी को बता नही सकते उसमें- अललाह ने अपनी ही 7 साल की बेटी के साथ सहवास किया था और कुरान मे भी इसे जायज ठहराया गया है ऐसे ही कई और रासलीलाये है जिनसे आप दुनिया को अवगत करवाने से डरते है लेकिन एक दिन कोई न कोई बहादुर फिल्मकार ऐसी फिल्म जरूर बनाएगा अब मैं मुद्दे पर आता हूं.......फैसला हिन्दुओ के पक्ष मे आने वाला है तो सरकार ने भी अयोध्या मे धारा 144 लागू कर दी है ताकी कोई उन्मादी माहौल खराब करणे की कोशिश ना करे लेकिन मुझे लगता है सरकार को बदनाम करने की नीयत से और अपने मन की भड़ास निकालने के लिए कुछ लोग जरूर दंगा करने की कोशिश करेंगे अब सरकार को चाइये कि वो अपनी और से फूल प्रूफ तैयारी रखे और हमे किसी से कोई हमदर्दी नही चाइये मुस्लिम पक्ष अपनी याचिका वापस न ले हमे कोर्ट का निर्णय मंजुर है जब ही हिन्दू समाज ने कह दिया कि यह राम का जन्मस्थान है आपको इसके बदले दूसरी जमीन दे दी जाएगी तब तो दादागिरी पर उतर आए थे अब जब बात आपने पर आई तो नयी चाल चलने की कोशिश हुई लेकिन इसमें भी आप लोग नाकाम ही रहोगे कियूंकि अब जनता जागरूक है हेमन्त चौधरी (वार्ता) 14:18, 16 अक्टूबर 2019 (UTC)उत्तर दें