सदस्य वार्ता:यूसुफ खाँन

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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 11:26, 11 जनवरी 2019 (UTC)[उत्तर दें]

कमालिया —

               कमालिया मेव(मुस्लिम) समाज में गोत्र होती है (original term is kamadia). कमालिया चौहान वंश में आते है और अपनी बहादुरी के लिए मशहूर हैं. कुछ कमालिया डाबरी से हिजरत कर गए थे और वे अकबर के लपेटे में थे लिहाजा उन्होंने अपने देहात को छोड़कर के हरियाणा में शरण ली. कमालिया मुख्तलिफ देहातों में बिखरे हुए हैं. लोगों का दावा है कि कमालिया चौहान हैं. लोक कहानी के मुताबिक जब मेवात की बेटी रूपकौर उर्फ रजनी को जबरदस्ती अकबर बादशाह ले गया था तो कमालियाऔ ने दादा बाहड़ छिरकलोत को गोह ( एक छिपकली वाले किस्म का जानवर)  दिया और अकबर के खिलाफ दादा बाहड़ छिरकलोत के साथ शामिल हो गए. कमालियाओं की मदद से ही बाहड़ मुगल बादशाह के किला से रूपकौर को निकालने में कामयाब हो गया. कमालियाओं के गांवों को सजा दी गई और उन्हें अपने देहात से भागना पड़ा उन्होंने मुख्तलिफ देहात में पनाह ली.
हरियाणा मेवात में नकनपुर, बदरपुर, जलालपुर, रोनपुर, तिरवाड़ा और रनियाली कमालिया के गांव है.
राजस्थान का कैथवाडा कमालिया का सबसे बड़ा गांव है.
और चौधर का मुकाम है.
 अलवर में नांगल चंद्रावत, नांगल  खानजादी, मेहराणा कमालिया के गांव हैं.

बदरपुर में अलग थांबा है.

कहावत है कि 'कहां कमालिया समाज रखो है'. अकबर के जमाने में इन्हें बागी, गद्दार करार दिया गया था और इन्होंने मुख्तलिफ जगहों पर पनाह ली थी. जिनमें से आज भी उत्तर प्रदेश के अमरोहा और अलीगढ़ में कुछ कमालिया आबाद है. अलवर और भरतपुर जिलों से कमालिया गोत्र के कुछ मेव मुल्क बटवारा के समय पाकिस्तान हिजरत कर गए.