सदस्य वार्ता:बण्डा दर्शन शाहजहांपुर
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बण्डा दर्शन शाहजहांपुर जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,15,689 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 14:22, 23 मई 2020 (UTC)
कोरोना वायरस[संपादित करें]
कोरोना वायरस खबरो के आधार पर देखा जाय तो कुछ जीवो पक्षियों के कारण उत्पन्न हुआ वायरस है । अब चाहे उसको सृजित किया गया या स्वतः ही उत्पन्न हुआ के बारे मे माथा पच्ची करने के स्थान पर हम उसी वायरस की पृकृति की ओर बढते है जहाँ से उसका विकास हुआ तो पाते है कि ये एक जीवो द्वारा उत्पन्न बीमारी या यूँ कहे महामारी है ।यदि हम इसी के तोङ को पकङ ले तो हमे आशा है कि हम इस महामारी से निजात पा सकते है । अर्थात् जब हम उन दूषित माँस भक्षण से मुँह मोड़ लेगे तब हमे इस महामारी से काफी राहत मिल जाये गी पर इसके लिये माँस भक्षण पर हमे अधिकारिक तौर पर रोकलगाने की आवश्यकता है । यहाँ पर हम बाबा जयगुरूदेव द्वारा पृचलित किये गये संदेशो को भी नजर अन्दाज नही कर सकते है। लेकिन विडम्बना यह है कि भारत सरका इस विचार पर अपनी सहमति की मुहर लगाये गी हमे नही लगता येसा मेरा विचार है।
आपका बृजेश शुक्ला पत्रकार बण्डा दर्शन शाहजहांपुर (वार्ता) 14:56, 23 मई 2020 (UTC)
पत्रकारिता[संपादित करें]
देश विदेश समाज राजनीति अर्थ नीति समाज के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने तथा समाज मे फेल रही कुरीतियों को प्रदर्शित कर समाज का उत्थान करने को कहते है। पत्रकारिता जिसे हम भारत भूमि सतह पर खङे चौथे स्तम्भ की संज्ञा देते है। परन्तु कुछ छि छोरो की बजह से समाज बजाय पत्रकारिता को सम्मान देने के उन पर उँगलीयाँ उठाती नजर आता है। घ्रणित दृष्टिकोण से देखने लगा है ये समाज कलम कार को अगर इस पर सही दिशा मे उपचार ना किया गया तो एक दिन ऐसा आयेगा कि समाज इसे पूर्णतः नकार देगा जटिल समस्या तो तब आती है जब समाज भय के कारण उनके द्वारा किये अत्याचार की शिकायत करने से भी कतराता क्योंकि वह जानता है कि अधिकारी भी उस विषय पर पूर्णतः विचार नही करते और वही होता है जो पत्रकारो की छवि को घूमिल करता है । हमे इस पर विचार करने की आवश्यकता है समाज को अब खुद पत्रकारों से बचाने की आवश्यकता है । बरना सत्यमेव जयते का उपहास होगा कौन करेगा इस पर विचार ये विलम्बित है।
आपका
बृजेश शुक्ला पत्रकार बण्डा जनपद शाहजहांपुर बण्डा दर्शन (वार्ता) 17:40, 24 मई 2020 (UTC)