सदस्य वार्ता:कवि कलाकार हिमांशु मान्ने
प्रस्तावना
कवि कलाकार हिमांशु मान्ने जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,10,410 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 17:08, 23 सितंबर 2018 (UTC)
हिमांशु मान्ने[संपादित करें]
हिमांशु मान्ने उर्फ़ हिमांशु रंजन एक युवा कवि और कलाकार हैं जिनका जन्म वैशाली गणतंत्र के लालगंज में हुआ, इनका जन्म १४ फरवरी १९९५ को एक मध्यम परिवार में हुआ, गरीबी में होते हुए परिवार शिक्षा से ज़ुरा था इस वजह से इन्हे शिक्षा में रूचि थी, बचपन से अख़बार व् पत्रिका में लिखते थे, बचपन से ही कला में रूचि रही है, पढ़ने, लिखने, घूमने का शौख रहा है और इस क्षेत्र में विधार्थी जीवन में कई बार पुरस्कृत भी हो चुके है, ये अपनी कला का सृजन निरंतर कर रहे हैं, इनकी कविता और लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है] इनकी बनाई कलाकृति को मध् निषेध विभाग बिहार सरकार ने अपनी पोस्टर भी बनायीं तथा इनकी बनाई गुरु गोविन्द सिंह की पेंटिंग पर २५००० लोगों ने सेल्फी प्रकाश पर्व पर ली, ये राज्य तथा राज्य से बाहर कलाकृति का प्रदर्शनी कर चुके हैं] कई बार इन्हे गोल्ड मैडल मिल चूका है ] कवि सम्मलेन में हिस्सा लेते हैं. प्रकृति के करीब रहना उसे गहराई से सोचना इन्हे अच्छा लगता है, उसी पे पेंटिंग और कविता करते हैं, ये कविता करने के साथ साथ उपन्यास लिखते हैं। तथा गीत, गजल लिखते हैं.] कला लेखन का कार्य करते हैं। कला संस्कृति युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा कला मंगल श्रृंखला के तहत इन्होने अपनी प्रदर्शनी लगायी जिसे कला प्रेमी तथा मिडिया ने काफी सराहा। ये कला तथा कविता को एक साथ प्रदर्शित करते हैं। दहेज़ एक सामाजिक बुराई पर काव्य -कला प्रदर्शनी लगायी जिसे कला प्रेमी ने सराहा। जो सामाजिक ज्वलंत मुद्दा को दर्शाया। इस प्रदर्शनी का सी. एम्. हाउस से वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई गयी जिस पर डॉक्यूमेंट्री मूवी के लिए काम चल रहा है
प्रकाशित काव्य संग्रह - दहेज़
अप्रकाशित पुस्तक-
हर रात की सुबह होती है
मै लड़की हूँ
दर्द ए जुदाई
Dahej पर लिखी पुस्तक को खुद मुख्यमंत्री नितीश कुमार प्रसंसा कर चुके हैं
तथा दहेज़ की पेंटिंग को गाँधी maidan में भेंट स्वीकार किया कवि कलाकार हिमांशु मान्ने (वार्ता) 01:13, 5 अप्रैल 2019 (UTC)