सदस्य वार्ता:कवि कलाकार हिमांशु मान्ने

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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 17:08, 23 सितंबर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

हिमांशु मान्ने[संपादित करें]

हिमांशु मान्ने उर्फ़ हिमांशु रंजन एक युवा कवि और कलाकार हैं जिनका जन्म वैशाली गणतंत्र के लालगंज में हुआ, इनका जन्म १४ फरवरी १९९५ को एक मध्यम परिवार में हुआ, गरीबी में होते हुए परिवार शिक्षा से ज़ुरा था इस वजह से इन्हे शिक्षा में रूचि थी, बचपन से अख़बार व् पत्रिका में लिखते थे, बचपन से ही कला में रूचि रही है, पढ़ने, लिखने, घूमने का शौख रहा है और इस क्षेत्र में विधार्थी जीवन में कई बार पुरस्कृत भी हो चुके है, ये अपनी कला का सृजन निरंतर कर रहे हैं, इनकी कविता और लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है] इनकी बनाई कलाकृति को मध् निषेध विभाग बिहार सरकार ने अपनी पोस्टर भी बनायीं तथा इनकी बनाई गुरु गोविन्द सिंह की पेंटिंग पर २५००० लोगों ने सेल्फी प्रकाश पर्व पर ली, ये राज्य तथा राज्य से बाहर कलाकृति का प्रदर्शनी कर चुके हैं] कई बार इन्हे गोल्ड मैडल मिल चूका है ] कवि सम्मलेन में हिस्सा लेते हैं. प्रकृति के करीब रहना उसे गहराई से सोचना इन्हे अच्छा लगता है, उसी पे पेंटिंग और कविता करते हैं, ये कविता करने के साथ साथ उपन्यास लिखते हैं। तथा गीत, गजल लिखते हैं.] कला लेखन का कार्य करते हैं। कला संस्कृति युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा कला मंगल श्रृंखला के तहत इन्होने अपनी प्रदर्शनी लगायी जिसे कला प्रेमी तथा मिडिया ने काफी सराहा। ये कला तथा कविता को एक साथ प्रदर्शित करते हैं। दहेज़ एक सामाजिक बुराई पर काव्य -कला प्रदर्शनी लगायी जिसे कला प्रेमी ने सराहा। जो सामाजिक ज्वलंत मुद्दा को दर्शाया। इस प्रदर्शनी का सी. एम्. हाउस से वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई गयी जिस पर डॉक्यूमेंट्री मूवी के लिए काम चल रहा है

प्रकाशित काव्य संग्रह - दहेज़

अप्रकाशित पुस्तक-

        हर रात की सुबह होती है
        मै लड़की हूँ
         दर्द  ए जुदाई

Dahej पर लिखी पुस्तक को खुद मुख्यमंत्री नितीश कुमार प्रसंसा कर चुके हैं

तथा दहेज़ की पेंटिंग को गाँधी maidan में भेंट स्वीकार किया कवि कलाकार हिमांशु मान्ने (वार्ता) 01:13, 5 अप्रैल 2019 (UTC)[उत्तर दें]