सदस्य:Vaishhh/WEP 2018-19

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

जी ई श्रीधरन[संपादित करें]

The President, Smt. Pratibha Devisingh Patil presenting the Dronacharya Award – 2007, to Shri, G.E. Sridharan (Volley Ball), in New Delhi on August 29, 2008

पृष्ठभूमि[संपादित करें]

जी ई श्रीधरन भारत के पूर्व वॉलीबॉल टीम के खिलाड़ी हैं, जो १९७० के दशक से १९८० के दशक के दौरान खेले है। उनका जन्म १४ जनवरी, १९५४ को हुआ था। वह १।९२ मीटर लंबे है। वह कोयंबटूर, तमिलनाडु से हैं।

शिक्षा[संपादित करें]

उन्होंने सरकारी हाईस्कूल कचिगुडा, हैदराबाद में पढ़ाई की। उन्होंने न्यूमैन कॉलेज, थोडुपुझा में अपनी डिग्री पूरी की। वह वर्तमान में चेन्नई, भारत में स्थित है।

वालीबाल[संपादित करें]

वे भारत के पुरुषों की राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम के कोच हैं। वर्तमान मे वे तमिलनाडु वॉलीबॉल टीम के कोच थे। वह एक कुशल कोचो में से एक हैं जिन्होंने एशिय्न वॉलीबॉल चैम्पियनशिप में भारतीय युवा वॉलीबॉल टीम को स्वर्ण पदक दिलाकर नई ऊंचाइयों दिखाई है। श्रीधरन जो १९७० और १९८० के दशक में जिमी जॉर्ज जैसी भारतीय वॉलीबॉल की किंवदंतियों के साथ एक सेटटर के रूप में खेले थे, कांस्य पदक जीतने वाली १९८६ एशियाई खेलों की टीम में प्रमुख भूमिका निभाए थे। श्रीधरन का पहला बड़ा परीक्षण अगस्त में कज़ाखस्तान में एशिया कप में आया, जो एशिया की शीर्ष आठ टीमों के लिए एक कार्यक्रम है। दुबई में अक्टूबर में भारत एशिय्न् चैम्पियनशिप २०१६ में सातवें स्थान पर रहा।

पुरस्कार[संपादित करें]

१९८२ में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले तमिलनाडु के दूसरे खिलाड़ी थे। अर्जुन पुरस्कार भारत में युवा मामलों और खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा खेल में उत्कृष्ट उपलब्धि को पहचानने के लिए दिए जाते हैं। इस पुरस्कार का प्रारम्भ १९६१ में हुआ था। पुरस्कार में ₹५,००,०००, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और एक स्क्रॉल है। द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल और खेलों में उत्कृष्ट कोच के लिए आधिकारिक तौर पर दिया जाता है। पुरस्कार में ₹३,००,०००, गुरु द्रोणाचार्य की कांस्य प्रतिमा और एक स्क्रॉल है। हालांकि एक आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गयी है, वालीबाल फेडरेशन ऑफ इंडिया (वी-एफ-ए-आई) के करीबी सूत्रों ने कहा कि द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता ने यह कार्य निभाने के लिये सहमत हो गये है। उन्होने २००७ में सफलतापूर्वक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने और उत्कृष्ट परिणामों को प्राप्त करने के लिये द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रीधरन इस बात का कमाल का उदाहरण देते है की कड़ी मेहनत और समर्पण आपको जीवन में महान चीजों को निपुण करने में मदद कर सकता है।

वर्तमान योजनाएं[संपादित करें]

इस वर्ष अगस्त में जकार्ता में होने वाले एशिय्न् खेलों के लिए भारतीय महिला टीम के कोच बनने की संभावना है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

https://timesofindia.indiatimes.com/sports/more-sports/others/ge-sridharan-set-to-coach-womens-team/articleshow/63119941.cms https://www.youtube.com/watch?v=adHnBXBeJyc https://www.wikidata.org/wiki/Q5512218 https://www.revolvy.com/page/G.-E.-Sridharan