सामग्री पर जाएँ

सदस्य:Sarojbisht11/Jwalpa Devi Temple (Uttarakhand)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से


ज्वालपा देवी मंदिर एक ज्वालपा देवी को समर्पित है ।

यह पौड़ी से 34 किमी दूर मुख्य पौड़ी- कोटद्वार मार्ग पर नवलिका नदी के तट पर स्थित है।

यह पूरे साल जिले में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।

हर साल दो नवरात्रि आयोजित की जाती हैं, चैत्र और शारदीय। बसंत पंचमी पर मेला भी लगता है। अंथवाल परिवार मंदिर का कार्यवाहक है, जो एक पुजारी परिवार है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार आदि शंकराचार्य ने यहां आकर यहां प्रार्थना की थी। उनकी प्रार्थना से संतुष्ट होकर देवी यहां प्रकट हुईं।

स्कंदपुराण के अनुसार, सतयुग में दैत्यराज पुलोम की बेटी शची ने देवराज इंद्र को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए नायर नदी के किनारे ज्वालपा धाम में हिमालय की अध्यक्ष देवी मां पार्वती की तपस्या की थी।

माता पार्वती शची की तपस्या से प्रसन्न होती हैं और उनकी मनोकामना पूरी करती हैं और ज्वालापा स्थान के नाम से दीप ज्वलेश्वरी के रूप में प्रकट हुईं। [[श्रेणी:हिन्दू देवियाँ]] [[श्रेणी:उत्तराखण्ड में हिन्दू मन्दिर]] [[श्रेणी:शक्ति मंदिर]]