सदस्य:Sandra T.S/प्रयोगपृष्ठ/कृत्रिम होशियारी

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कृत्रिम होशियारी[संपादित करें]

मोटे अक्षर मोटे अक्षर मोटे अक्षर कंप्यूटर या मशीनों के आविष्कार के बाद से, विभिन्न टास्‍क को करने की उनकी क्षमता तेजी से बढ़ रही है। मनुष्य ने समय के साथ अपने विभिन्न वर्किंग डोमेन, उनकी बढ़ती स्‍पीड और समय के संबंध में साइज को कम करने के संदर्भ में कंप्यूटर सिस्टम की पॉवर डेवलप की है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का कांसेप्ट यह है कि कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल उन टास्‍क को करने के लिए किया जाना है, जिन्हें सामान्य रूप से एक मानव की आवश्यकता होती है। इनमें स्‍पीच रिकग्निशन और अलग-अलग लैंग्‍वेज में ट्रांसलेशन करना और वह सभी शामिल हैं, जिनमें विजूअल परसेप्शन और यहां तक कि डिसिजन मेकिंग कि आवश्‍यक्‍ता होती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पिता, जॉन मैकार्थी के अनुसार, यह “यह इंटेलिजेंस मशीन बनाने का साइंस और इंजिनियरिंग हैं, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने के लिए”। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर, कंप्यूटर कंट्रोल रोबोट, या सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है जो समझदारी से सोच सकते है, जिस तरह बुद्धिमान इंसान सोचते हैं।


इतिहास[संपादित करें]

इंसान का ब्रैन कैसे सोचता हैं और वे कैसे सिखते हैं, निर्णय लेते हैं और प्रॉब्‍लम को सॉल्‍व करते समय कैसे काम करते हैं, इस तरह कि बातों को सिखकर AI निपुण होता हैं। इस शब्द को अक्सर मनुष्‍य कि बौद्धिक प्रक्रियाओं के साथ संपन्न होने वाली डेवलपींग सिस्‍टम के लिए लागू किया जाता है जो इंसानों की विशेषता जैसे तर्क करने की क्षमता, अर्थ की खोज, जनरलाइज़ या पिछले अनुभव से सीखना। 1940 के दशक में डिजिटल कंप्यूटर के विकास के बाद से, यह दिखाया गया है कि कंप्यूटर को बहुत ही कॉम्‍प्‍लेक्‍स टास्‍क को पूरा करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है- उदाहरण के लिए, मैथमेटिकल प्रमेयों के लिए सबूत की खोज करने या शतरंज खेलते समय – ग्रेट प्रवीणता के साथ। फिर भी, कंप्यूटर प्रोसेसिंग की स्‍पीड और मेमोरी कैपेसिटी में लगातार प्रगति के बावजूद, अभी तक ऐसे प्रोग्राम नहीं हैं जो व्यापक डोमेन पर मानव लचीलेपन से मेल खा सकते हैं या ऐसे टास्‍क में जो रोज़मर्रा के ज्ञान की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, कुछ प्रोग्राम्‍स ने विशिष्ट टास्‍क को परफॉर्म करते समय मनुष्‍य के एक्‍सपर्ट और प्रोफेशनल लेवल को प्राप्त किया है।

मूल बातें[संपादित करें]

इससे कृत्रिम होशियारी सीमित अर्थ में चिकित्सा निदान, कंप्यूटर सर्च इंजन और वॉइस या हैंडरा‍इटींग रिग्‍ननेशन में पाए जाते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एरर को कम करने में हमारी मदद करता है और अधिक एक्यूरेसी के साथ सटीकता हासिल करने की संभावना बढ़ जाती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभिन्न स्‍टडीज में प्रयोग किया जाता है जैसे स्‍पेस की खोज। इंटेलिजेंट रोबोट में इनफॉर्मेशन भर दी जाती हैं और अंतरिक्ष को एक्‍सप्‍लोर करने के लिए भेजे जाते है। चूंकि वे धातु के बने हुए मशीन हैं, वे अधिक प्रतिरोधी होते हैं और अंतरिक्ष और खतरनाक माहौल को सहन करने की अधिक क्षमता होती है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने से तेजी से निर्णय लेने और जल्दी से कार्रवाई करने में सहायता मिल सकती है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को माइनिंग और अन्य फ्यूयल एक्सप्लोरेशन प्रोसेस में इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, इन कॉम्‍प्‍लेक्‍स मशीनों का उपयोग समुद्र के तल की खोज के लिए भी किया जा सकता है क्‍योकि वे मानव कि लिमिटेशन के परे होते है। आटोमेडेट तर्क, लर्निंग और परसेप्शन के लिए कंप्‍यूटेड मेथड हमारे रोजमर्रा के जीवन में एक सामान्य घटना बन गई हैं। अत्यधिक एडवांस ऑर्गनाइज़ेशन ‘avatars’ का इस्‍तेमाल करते हैं, जो प्रतिकृतियां या डिजिटल असिटेंट हैं। जो वास्तव में यूजर्स के साथ बातचीत कर सकते हैं, और हयूमन रिसोर्सेस की आवश्यकता को बचा सकते हैं। कृत्रिम विचारों से भरा हुआ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भावनाओं से विचलीत नहीं होता। भावनात्मक पक्ष की पूर्ण अनुपस्थिति में, रोबोटों को तर्कसंगत बनाता हैं और यह प्रोग्राम सही निर्णय लेता है। दोहराए जाने वाले कामों को मशीन इंटेलिजेंस से किया जाता हैं, जो मानव नहीं कर पाते। मशीन मनूष्‍य से फास्‍ट सोच सकते हैं और वे मल्‍टीटास्किंग होते हैं। खतरनाक कार्य करने के लिए मशीन इंटेलिजेंस को नियोजित किया जा सकता है। उनके पैरामीटर, इंसानों के विपरीत, एडजस्‍ट किया जा सकते है। उनकी स्‍पीड और समय केवल पैरामिटर पर आधारित हैं। जब मनुष्य कंप्यूटर गेम खेलते हैं या कंप्यूटर कंट्रोल रोबोट चलाते हैं, तो हम वास्तव में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के साथ कम्‍युनिकेट कर रहे हैं। मनुष्यों के विपरीत, मशीनों को लगातार आराम और रिफ्रेशमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। वे लंबे घंटों के लिए प्रोग्राम होते हैं और न तो ऊबते या विचलित या थकते हैं।

दृष्टिकोण[संपादित करें]

कोई स्थापित एकीकृत सिद्धांत या प्रतिमान नहीं है जो AI अनुसंधान को निर्देशित करता है। शोधकर्ता कई मुद्दों पर असहमत हैं। [१४५] सबसे लंबे समय तक अनुत्तरित रह गए कुछ प्रश्न ये हैं: क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मनोविज्ञान या न्यूरोबायोलॉजी का अध्ययन करके प्राकृतिक बुद्धिमत्ता का अनुकरण करना चाहिए? या मानव जीव विज्ञान AI अनुसंधान के लिए अप्रासंगिक है क्योंकि पक्षी जीव विज्ञान वैमानिकी इंजीनियरिंग के लिए है? [15] क्या सरल, सुरुचिपूर्ण सिद्धांतों (जैसे तर्क या अनुकूलन) का उपयोग करके बुद्धिमान व्यवहार का वर्णन किया जा सकता है? या क्या यह जरूरी है कि बड़ी संख्या में पूरी तरह से असंबंधित समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है?

अनुप्रयोगों[संपादित करें]

एआई किसी भी बौद्धिक कार्य के लिए प्रासंगिक है। आधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकें व्यापक हैं और यहां सूचीबद्ध करने के लिए बहुत सारे हैं। अक्सर, जब कोई तकनीक मुख्यधारा के उपयोग तक पहुंचती है, तो उसे अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता नहीं माना जाता है; इस घटना को AI प्रभाव के रूप में वर्णित किया गया है। AI के उच्च प्रोफ़ाइल उदाहरणों में स्वायत्त वाहन (जैसे ड्रोन और सेल्फ-ड्राइविंग कार), चिकित्सा निदान, कला बनाना (जैसे कविता), गणितीय प्रमेयों को साबित करना, गेम खेलना (जैसे शतरंज या गो), खोज इंजन (जैसे) Google खोज), ऑनलाइन सहायक (जैसे सिरी), तस्वीरों में छवि पहचान, स्पैम फ़िल्टरिंग, उड़ान में देरी की भविष्यवाणी, न्यायिक निर्णयों की भविष्यवाणी और ऑनलाइन विज्ञापनों को लक्षित करना।सोशल मीडिया साइटों के कारण युवा लोगों और समाचार संगठनों के वितरण के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तेजी से निर्भरता के लिए समाचार के स्रोत के रूप में टीवी से आगे निकलते हुए,] प्रमुख प्रकाशक अब कहानियों को अधिक प्रभावी ढंग से पोस्ट करने और यातायात के उच्च संस्करणों को उत्पन्न करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का उपयोग करते हैं।

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Artificial_intelligence
  2. https://www.itkhoj.com/artificial-intelligence-hindi