संजीदा खातून
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संजीदा खातून | |
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जन्म |
4 अप्रैल 1933![]() ब्रिटिश राज ![]() |
नागरिकता |
बांग्लादेश, ब्रिटिश राज, पाकिस्तान ![]() |
शिक्षा |
ढाका विश्वविद्यालय, विश्व-भारती विश्वविद्यालय ![]() |
व्यवसाय |
लेखक ![]() |
नियोक्ता |
ढाका विश्वविद्यालय ![]() |
पुरस्कार |
कला में पद्मश्री श्री[1] ![]() |
संजीदा खातून (जन्म 4 अप्रैल 1933) एक बांग्लादेशी संगीतज्ञ हैं। उन्हें 2021 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
शिक्षा[संपादित करें]
खातून ने 1955 में ढाका विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1957 में विश्व भारती विश्वविद्यालय से बांग्ला भाषा में एमए की डिग्री हासिल की।
कैरियर[संपादित करें]
बंगाली साहित्य पढ़ाने के लिए खातून ढाका विश्वविद्यालय के संकाय में शामिल हुए। खातुन 1971 में लिबरेशन युद्ध और 1960 के दशक की शुरुआत में छांयुत के दौरान बांग्लादेश मुक्ति संग्राम शिल्पी संगठन के संस्थापकों में से एक थे। उन्होंने छायनाट के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
निजी जीवन[संपादित करें]
खातून की शादी वाहिदुल हक से हुई थी और उनके 3 बच्चे हैं- अपाला फरहत नावेद (दिवंगत), पार्थ तनवीर नावेद, रुचिरा तबस्सुम नावेद।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1692337; प्राप्त करने की तिथि: 26 जनवरी 2021.
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