श्री मुक्तसर साहिब
श्री मुक्तसर साहिब Sri Muktsar Sahib ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ | |
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मुक्तसर का मुख्य गुरद्वारा | |
निर्देशांक: 30°17′N 74°19′E / 30.29°N 74.31°Eनिर्देशांक: 30°17′N 74°19′E / 30.29°N 74.31°E | |
देश | भारत |
राज्य | पंजाब |
ज़िला | श्री मुक्तसर साहिब ज़िला |
ऊँचाई | 648 मी (2,126 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,17,085 |
भाषा | |
• प्रचलित | पंजाबी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 152026 |
दूरभाष कोड | 01633 |
वाहन पंजीकरण | PB-30 |
वेबसाइट | www.muktsar.nic.in |
श्री मुक्तसर साहिब (Sri Muktsar Sahib), जिसे मुक्तसर (Muktsar) भी बुलाया जाता है, भारत के पंजाब राज्य के श्री मुक्तसर साहिब ज़िले में स्थित एक नगर और नगरपंचायत है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। इसी जगह पर श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने मुगलों के विरूद्ध 1705 ई. में आखिरी लड़ाई लडी थी। इस लड़ाई के दौरान गुरू जी के चालीस शिष्य शहीद हो गए थे। गुरू जी के इन चालीस शिष्यों को चालीस मुक्तों के नाम से भी जाना जाता है। इन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम मुक्तसर रखा गया था।[1][2][3][4]
विवरण
[संपादित करें]माना जाता है कि अपने चालीस शिष्यों के आग्रह पर ही गुरू जी ने आंनदपुर साहिब किले को छोड़ा था। कुछ समय बाद इस जगह को मुगल सैनिकों द्वारा घेर लिया गया था। गुरू जी ने अपने शिष्यों से कहा था कि अगर वह चाहे तो उन्हें छोड़कर जा सकते हैं लेकिन उन्हें यह बात लिख कर देनी होगी। उन्हें यह लिखना होगा कि वह अब गुरू के साथ रहना नहीं चाहते हैं और अब वह उनके शिष्य नहीं है। जब सभी शिष्य वापस लौट कर अपने-अपने घर में गए तो उनके परिवार के सदस्यों ने उनका स्वागत नहीं किया और कहा कि वह मुसीबत के समय में गुरू जी को अकेले छोड़कर आ गए है। शिष्यों को अपने ऊपर शर्म आने लगी और उनकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह दुबारा से गुरू गोविन्द सिंह का सामना कर सकें। कुछ समय बाद समय बाद मुगल सैनिकों ने गुरू जी को ढूंढ लिया। इस जगह के समीप ही एक तालाब था जिसे खिदराने दी ढाब कहा जाता था, गुरू जी के चालीस सिक्खों ने मुगल सैनिकों से यहीं पर युद्ध किया था और इस लड़ाई में वह सफल भी हुए थे। तभी से गुरू जी इन चालीस शिष्यों को चालीस मुक्तों के नाम से, मुक्ती का "सर" (सरोवर) जाना जाता है।
भूगोल
[संपादित करें]मुक्तसर की स्थिति 30°29′N 74°31′E / 30.48°N 74.52°E पर है। यहां की औसत ऊंचाई है 184 मीटर (603 फीट)।
प्रमुख आकर्षण
[संपादित करें]गुप्तसर गुरूद्वारा
[संपादित करें]गुप्तसर गुरूद्वारा मुक्तसर जिले में चैतन्य के समीप स्थित है। इस जगह की स्थापना गुरू गोविन्द सिंह ने की थी। गुरू गोविन्द सिंह जी इस जगह पर अपने सैनिकों को उनकी तनख्वाह बांटा करते थे। एक दिन एक सैनिक ने पैसे लेने से मना कर दिया और कहा कि वह केवल उनसे आध्यामिक ज्ञान की प्राप्ति करना चाहता हैं। सैनिक द्वारा यह शब्द कहे जाने पर गुरू जी ने कुछ पैसे गुप्त स्थान में रख दिए। इसके बाद से इस जगह को गुप्तसर के नाम से जाना जाता है।
गुरूद्वारा श्री दतन सर साहिब
[संपादित करें]मुक्तसर जिले में स्थित गुरूद्वारा श्री दतन सर साहिब पंजाब राज्य स्थित प्रमुख सिख गुरूद्वारों में से एक है। इस गुरूद्वारे का निर्माण सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह के सम्मान में करवाया गया था। माना जाता है कि गुरू साहिब को मुगलों का एक सैनिक पीछे से मारने के लिए आया था। गुरू जी ने उसको मार दिया था। यह गुरूद्वारा उसी जगह पर स्थित है जिस जगह पर यह घटना हुई थी। गुरूद्वारे के समीप में ही मुगल सैनिक का मकबरा बना हुआ है। इस जगह पर सभी प्रमुख सिख उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं। 12 और 13 जनवरी को प्रत्येक वर्ष माघी मेला लगता है। काफी संख्या में पर्यटक इस मेले में आते हैं। यह गुरूद्वारा तूती गांधी साहिब यहां से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आवागमन
[संपादित करें]- वायु मार्ग
सबसे निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ विमानक्षेत्र और अमृतसर विमानक्षेत्र है। इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइटें नियमित रूप से दिल्ली, लखनऊ, लेह आदि से चंडीगढ़ और अमृतसर के उड़ान भरती है।
- रेल मार्ग
मुक्तसर रेल मार्ग द्वारा कई महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
मुक्तसर भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Economic Transformation of a Developing Economy: The Experience of Punjab, India," Edited by Lakhwinder Singh and Nirvikar Singh, Springer, 2016, ISBN 9789811001970
- ↑ "Regional Development and Planning in India," Vishwambhar Nath, Concept Publishing Company, 2009, ISBN 9788180693779
- ↑ "Agricultural Growth and Structural Changes in the Punjab Economy: An Input-output Analysis," G. S. Bhalla, Centre for the Study of Regional Development, Jawaharlal Nehru University, 1990, ISBN 9780896290853
- ↑ "Punjab Travel Guide," Swati Mitra (Editor), Eicher Goodearth Pvt Ltd, 2011, ISBN 9789380262178