व्याघात (अन्तर्विरोध)

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यह आरेख अरस्तुवादी तर्कशास्त्र के विरोध के वर्ग में निरूपाधिक प्रतिज्ञप्ति (categorical proposition) के बीच विरोधाभासी संबंधों को दर्शाता है।

पारंपरिक तर्कशास्त्र में, व्याघात या अन्तर्विरोध (Contradiction) तब होता है जब कोई प्रतिज्ञप्ति या तो स्वयं से या सुस्थापित तथ्य से टकराता या संघर्ष करता है। इसका उपयोग अक्सर कपटी मान्यताओं व विश्वासों और अभिनति का पता लगाने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जाता है। अनुप्रयुक्त तर्क में एक सामान्य प्रवृत्ति का चित्रण करते हुए, अरस्तू का अव्याघात - नियम कहता है कि "यह असंभव है कि एक ही चीज़ एक ही समय में एक ही वस्तु से उसी संदर्भ में संबंधित हो और न हो। " [1]

आधुनिक आकारिक तर्क और प्ररूप सिद्धांत (type theory) में, इस शब्द का उपयोग मुख्य रूप से एकल प्रतिज्ञप्ति के लिए किया जाता है, जिसे अक्सर फाल्सम प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है  ; एक प्रतिज्ञप्ति एक व्यघात है यदि तर्क के नियमों का उपयोग करके, इससे असत्य निष्कर्ष निकाला जा सकता है। यह एक ऐसी प्रतिज्ञप्ति है जो अप्रतिबंधित रूप से असत्य है (अर्थात, एक स्व-अन्तर्विरोधि प्रतिज्ञप्ति)।[2][3] इसे प्रतिज्ञप्ति के एक संग्रह के लिए सामान्यीकृत किया जा सकता है, जिसके बारे में तब कहा जाता है कि इसमें एक व्याघात "शामिल" है।

  1. Horn, Laurence R. (2018), Zalta, Edward N. (संपा॰), "Contradiction", The Stanford Encyclopedia of Philosophy (Winter 2018 संस्करण), Metaphysics Research Lab, Stanford University, अभिगमन तिथि 2019-12-10
  2. "Contradiction (logic)". TheFreeDictionary.com. अभिगमन तिथि 2020-08-14.
  3. "Tautologies, contradictions, and contingencies". www.skillfulreasoning.com. अभिगमन तिथि 2020-08-14.