विश्व गौरैया दिवस
विश्व गौरैया दिवस को गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसके अलावा ये शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता लाने हेतु भी मनाया जाता है। इसे हर साल 20 मार्च के दिन मनाया जाता है।[1][2] ये नेचर फोरेवर सोसाइटी (भारत) और इको-सिस एक्शन फ़ाउंडेशन (फ्रांस) के मिले जुले प्रयास के कारण मनाया जाता है।
आरम्भ
[संपादित करें]नासिक निवासी मोहम्मद दिलावर ने घरेलू गौरैया पक्षियों की सहायता हेतु नेचर फोरेवर सोसाइटी की स्थापना की थी। इनके इस कार्य को देखते हुए टाइम ने 2008 में इन्हें हिरोज ऑफ दी एनवायरमेंट नाम दिया था। विश्व गौरैया दिवस मनाने की योजना भी इन्हीं के कार्यालय में एक सामान्य चर्चा के दौरान बनी थी।[3]
पुरस्कार
[संपादित करें]पर्यावरण के संरक्षण और इस कार्य में मदद की सराहना करने हेतु एनएफ़एस ने 20 मार्च 2011 में गुजरात के अहमदाबाद शहर में गौरैया पुरस्कार की शुरुआत की थी।[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "'Save sparrows for nature's balance'". Times of India. Bennett, Coleman & Co. 21 March 2012. मूल से 10 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2018.
- ↑ Sathyendran, Nita (21 March 2012). "Spare a thought for the sparrow". The Hindu. मूल से 23 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 March 2012.
- ↑ "World Sparrow Day 2021 [Hindi]: गौरैया संरक्षण के बेहतरीन उपाय". Tube Light Talks (अंग्रेज़ी में). 2021-03-20. अभिगमन तिथि 2021-03-20.
- ↑ न्यूज़, एबीपी (2021-03-20). "World Sparrow Day 2021: विश्व गौरैया दिवस आज, जानें इसका उद्देश्य, इतिहास और रोचक तथ्य". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2021-03-20.